शायरा प्रज्ञा शर्मा के कलाम से समां ही नहीं समुन्द्र भी बंध गया

जिन्हें जुनून हो लहरों से जंग करने का, समुंदरों में वही रास्ता बनाते हैं

नई दिल्ली, कल्चर डेस्क। मुंबई का ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया हमेशा पर्यटकों के लिए तो बड़ा आकर्षण रहता ही है। लेकिन उस दिन गेटवे ऑफ इंडिया परिसर की रौनक देखते ही बनती थी। उस दिन यहाँ आए शायर और शायरा सभी का आकर्षण बने हुए थे। मौका था गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष में आयोजित ग्यारहवें अखिल भारतीय मुशायरा ‘जश्न-ए-हिंदुस्तान’ का।

इस मुशायरे में यूं कई जाने माने लोगों ने अपनी शायरी से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। जबकि शायरा डॉ. प्रज्ञा शर्मा ने तो अपनी गजल और शेर-ओ-शायरी से समां ही नहीं, वहाँ लहरा रहे विशाल समुन्द्र की मानों लहरों को भी बांध दिया।

गेटवे ऑफ इंडिया के साथ उमड़ते समुन्द्र के तट पर जब प्रज्ञा शर्मा ने कहा- ‘’जिन्हें जुनून हो लहरों से जंग करने का,समुन्द्र में वही रास्ता बनाते हैं’’, तो गेटवे ऑफ इंडिया का परिसर तालियों और वाह वाह की आवाज़ों से गूंज उठा। ऐसे में समुन्द्र अपनी चर्चा होने पर भला वहाँ कुछ पल के लिए क्यों नहीं ठहरता।

प्रख्यात कवयित्री और शायरा डॉ प्रज्ञा शर्मा ने लगातार तीसरी बार गेटवे ऑफ़ इंडिया के इस कार्यक्रम में शिरकत की। जहां अपनी ग़ज़लों से प्रज्ञा ने लोगों के दिल तो जीते ही। साथ ही देश में शांति और भाईचारे का पैगाम भी दिया।

कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक विकास विभाग की महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी ने किया था। उर्दू साहित्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए सन 2013 से गेटवे ऑफ इंडिया पर हर साल अखिल भारतीय मुशायरा आयोजित किया जाता है।

कार्यक्रम में राज्य के मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव, अल्पसंख्यक विभाग के सचिव अनूप कुमार यादव और  प्रमुख सचिव विकास खड़गे सहित कई और भी  गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव ने शायर-शायरों  को सम्मानित भी किया।

प्रज्ञा शर्मा की वहाँ प्रस्तुत पंक्तियों के कुछ नमूने ये भी थे,

दिलों के बीच कोई रास्ता बनाते हैं,

मोहब्बतों के सफ़र को नया बनाते हैं।

कई उदास ख़यालों को जी के देख चुके,

चलो ख़याल कोई ख़ुशनुमा बनाते हैं।

यह सब सुनकर श्रोताओं ने प्रज्ञा शर्मा पर जी भरकर अपना प्रेम बरसाया। बता दें कि डॉ प्रज्ञा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच से लगभग दो दशकों से कवि सम्मेलनों और मुशायरों में शामिल हो रही हैं।

इस वर्ष मुंबई के इस कार्यक्रम में प्रज्ञा शर्मा के अलावा कैसर खालिद, , मदन मोहन दानिश, शारिक कैफी, रंजीत चौहान, हामिद इकबाल सिद्दीकी, शाहिद लतीफ, डॉ.जाकिर खान, समीर सावंत, और उबैद आज़म आज़म जैसे जाने माने शायरों ने हिस्सा लिया।

 

 

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