Vani Jayaram Death: गायिका वाणी जयराम का 77 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

नई दिल्ली, पुनर्वास न्यूज़ डेस्क। जानी मानी गायिका वाणी जयराम का आज 4 फरवरी को निधन हो गया है। वह इस समय 77 वर्ष की थी। गौरतलब है वह चेन्नई स्थित अपने घर में मृत पायी गयीं। पुलिस के अनुसार घर पर उनकी लाश मिली जहां उनके माथे पर चोट के निशान भी मिले थे। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज रखा है। अब उनकी मृत्यु के बाद फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

वाणी जयराम कौन थी?

वाणी जयराम दक्षिण सिनेमा की बड़ी गायिका थी। सन 1945 में तमिलनाडु के वैल्लोर में उनका जन्म हुआ था। वाणी का असली नाम कलैवानी था। उन्होंने बचपन से ही शास्‍त्रीय संगीत को सीखना शुरू कर दिया था।

पद्मा पुरस्कार के लिए हुई घोषणा

वाणी ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सिंगर अपने 50 साल पूरे किए थे। इस वर्ष पद्म पुरस्कार की जारी हुई सूची में उनका नाम भी शामिल था। भारत सरकार उनके उत्कृष्ठ कार्य के लिए उन्हें पद्मा भूषण से सम्मानित करने वाली थी। लेकिन अब वो इसे नहीं ले सकेगी।

3 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं

 गौरतलब है वाणी जयराम को भारत सरकार ने तीन बार सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक सिंगर के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिया है। इसके साथ वह तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात और ओडिशा से राज्य पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी है। इसके अलावा उन्हें 3 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।

19 भाषाओं में गाने गाए

वाणी जयराम ने अपने करियर में कुल 19 भाषाओं में कई लाजवाब गाने गाये जिनमें तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, हिंदी, उर्दू, मराठी, बंगाली, भोजपुरी, तुलू ,उड़िया,  मलयालम, उड़िया और राजस्थानी जैसी भाषाएं शामिल हैं। साल 1971 में आई हिन्दी फिल्म ‘गुड्डी’ में उन्होंने ‘बोले रे पपीहा रे’ जैसा खूबसूरत गाना गाया था। कहा जाता है कि वाणी जयराम ने 1 हजार से ज्यादा भारतीय फिल्मों में गाने गाए।

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