सऊदी के युवराज को बताया मौजूदा दौर के सबसे बड़े नेताओं में से एक

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपनी लेटेस्ट किताब में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या मामले में सऊदी अरब का दृढ़ता से बचाव किया है। उन्होंने अपने ही देश के मीडिया का मजाक उड़ाया है और उनकी आलोचना की है। पोम्पियो अक्टूबर 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले सऊदी अरब के जमाल खशोगी की हत्या के कुछ दिनों बाद रियाद गए थे। पोम्पेओ ने डोनाल्ड ट्रम्प के शीर्ष राजनयिक के रूप में अपने समय के एक जुझारू संस्मरण “नेवर गिव एन इंच” में लिखा, ‘जमाल खशोगी हत्याकांड के बाद सऊदी अरब का दौरा कर मैंने एक तरह से अमेरिकी मीडिया जैसे द वॉशिंगटन पोस्ट, द न्यूयॉर्क टाइम्स और अन्य की बिल्कुल परवाह नहीं की थी।
पोम्पियो ने लिखा कि अमेरिका मीडिया ने जमाल खशोगी को शहीद बना डाला, जो सऊदी के शाही परिवार की बहादुरी से आलोचना करते हुए मारा गया। माइक पोम्पियो ने लिखा है कि ‘जमाल खशोगी के साथ हुई निर्ममता, अस्वीकार्य, भयानक, चिंताजनक, वहशी और गैरकानूनी थी लेकिन मुझे इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि मैं जानता हूं कि वहा पर ऐसा होना एक सामान्य बात है।

तुर्की में की गई थी खशोगी की हत्या

2 अक्टूबर 2018, जगह थी इंस्ताबुल दोपहर को एक बजे दूतावास में दाखिल हुआ उन्हें कागजात बनवाने के नाम पर एंबेसी बुलाया गया था। वो बिल्डिंग में अंदर गए लेकिन बाहर नहीं आ पाए। पता चला कि एंबेसी के अन्दर उस शख्स की हत्या कर दी गई। मारे गए शख्स का नाम था जमाल खशोगी। वाशिंगटन पोस्ट के एक स्तंभकार खशोगी ने सऊदी अरब के वास्तविक शासक प्रिंस मोहम्मद के कठोर तरीकों की आलोचना की थी।

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