व्याधियों का उपचार गोमय से करने की जरूरत : आनंद भट्ट गोकर्ण

वाराणसी । कर्नाटक के वैदिक विद्वान और कथा वाचक पंडित आनंद भट्ट गोकर्ण ने कहा कि वैश्विक समस्याओं का समाधान गौ सेवा मात्र है। तमाम व्याधियों का उपचार भी गोमय से किये जाने की जरूरत है। पंच गव्य के समस्त पदार्थ दूध, घी, घृत और दही गौ से ही हमें मिलते हैं।

पंडित आनंद भट्ट गोकर्ण यहां गौ की अनवरत सेवा के संकल्प के साथ त्रिदिवसीय विश्वमंगल सुरभि (गौ) महायज्ञ एवं संगीतमय गौ महात्म्य कथा में ज्ञान गंगा की बरसात कर रहे थे। मंगलवार देर शाम तक चले कथा के पूर्णाहुति में भाग लेने के लिए सैकड़ों गौ भक्त भक्ति भाव से जुटे थे। आध्यात्मिक आयोजन के अंतिम दिन पूर्णाहुति में आहुति देते समय जगत मात्र के कल्याण की कामना की गयी। विश्व में शान्ति के लिए गौ माता से करूण प्रार्थना की गयी। श्री काशी वेद वैदिक वैदिक प्रतिष्ठानम (रजि.) की ओर से कोविलूर मठ में आयोजित महायज्ञ में कर्नाटक से विद्ववान वैदिक घनपाठियों की मौजूदगी में पंडित आनंद भट्ट गोकर्ण ने कहा कि पंच गव्य से पवित्र कोई और दूसरा पदार्थ हो ही नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि कोरोना की आपदा के दौरान समस्त देशों ने गोमय से ही उसकी औषधि प्राप्त की। पंचगव्य से जुड़ी सारी चीजें हमें गौ से ही मिलती है। कथावाचक ने कहा कि हम जब भी गौ सेवा या गौ भक्ति की बात करते हैं तो उसका तात्पर्य सिर्फ देसी गौ ही होना चाहिए। उन्होंने वेद की ऋचाओं का उदाहरण देकर कहा कि समय आ गया है कि समस्त भारत के लोग गौ की अहमियत को समझें और उसकी सेवा को तत्पर हों।

पंडित आनंद भट्ट ने कहा कि गौ माता भारतीय धर्म दर्शन की जाग्रत स्वरूप हैं। पुराणों में भी कहा गया है कि तमाम ब्रह्मर्षियों ने गौ सेवा से ही सिद्धि हासिल की। गौ सेवा का भाव उनके यहां ज्ञान प्राप्त करने वालों के अंदर भी था। आनंद भट्ट ने कहा कि रात्रि में सोने से पहले गौ का स्मरण करने मात्र से हमारे समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

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