32 सलाखों के पीछे बिना हड्डी की जीभ है, उसे संतुलित करना जरूरी
![](http://www.punarvasonline.com/wp-content/uploads/2023/01/images-1.jpg)
विधानसभा के चुनाव होने हैं। राजस्थान की राजनीतिक हलचल भी इसको लेकर बढ़ी हुई है। सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए सब कुछ ठीक-ठाक नहीं दिख रहा है। सचिन पायलट लगातार बागी रुख अपनाए हुए हैं। हालांकि, वह भाजपा पर भी निशाना साधने से नहीं चूक रहे। लेकिन कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की दूरियां कम होते दिखाई नहीं दे रही हैं। यही कारण है कि सचिन पायलट के हर बयान को लेकर लगातार चर्चा की जा रही है और उसके अर्थ भी निकालने की कोशिश किए जा रहे हैं। एक बार फिर से सचिन पायलट ने कुछ ऐसा बयान दे दिया है जिसके बाद माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं उन्होंने बिना नाम लिए गहलोत और उनके गुट पर निशाना साधा है। सचिन पायलट में साफ तौर पर कहा है कि 32 सलाखों के पीछे बिना हड्डी के जीभ है, उसे संतुलित करना जरूरी है।
पिछले दिनों हमने देखा है कि किस तरीके से अशोक गहलोत और उनके समर्थक लगातार सचिन पायलट पर हमलावर रहे हैं। ऐसे में सचिन पायलट के इस बयान को उस से जोड़कर देखा जा रहा है। अपने बयान में सचिन पायलट ने कहा कि 32 सलाखों के पीछे बिना हड्डी की जो जीभ है उसे संतुलित करना बहुत जरूरी होता है। मुंह से निकली हुई बात कभी वापिस नहीं आती। उन्होंने कहा कि राजनीति में मैंने मेरे स्वर्गीय पिताजी से बहुत कुछ सीखा है और राजनीति के अखाड़े में बड़े-बड़ों को पटखनी देते हुए देखा है। इससे पहले सचिन पायलट ने पेपर लीक मामले को लेकर भी अपने ही कांग्रेस की सरकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि सिर्फ छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है। बड़े मछलियों से अब तक पकड़ से दूर हैं। वह बार-बार यह कह रहे हैं कि मैं जो जमीन पर देख रहा हूं वही मुद्दे उठा रहा हूं। मैंने किसानों और युवाओं के मुद्दे उठाए हैं।
सचिन पायलट साफ तौर पर कह रहे हैं कि मैं किसी की निजी आलोचना नहीं करता और ना ही किसी पर उस तरह की टिप्पणी करता हूं। आपको बता दें कि सचिन पायलट और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच वाक् युद्ध जारी है। हाल में ही एक बैठक के दौरान गहलोत ने कहा था कि महामारी के बाद उनके पार्टी में एक बड़ा कोरोना। शायद इसी बयान पर सचिन पायलट ने अशोक गहलोत पर पलटवार किया है। सचिन पायलट में साफ तौर पर कहा कि राजनीति में संयम रखना बहुत जरूरी है। सम्मान दोगे तभी सम्मान पाओगे। इससे पहले अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा, नकारा तक कह दिया था।