गंगा पर बन रहे नये रेल पुल से 2024 में शुरू हो जाएगा परिचालन, मिले पांच सौ करोड़
बेगूसराय । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पूरे देश के साथ-साथ बिहार का भी सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। यहां सभी क्षेत्र में मंत्रालयों द्वारा विकास के नए आयाम स्थापित किया जा रहा है। रेल मंत्रालय की बात करें तो अभी बिहार में रेलवे का 74880 करोड़ का 57 प्रोजेक्ट चल रहा है। इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिहार में रेलवे को रिकॉर्ड 8505 करोड़ रुपये का एलोकेशन दिया गया है।
सिर्फ बेगूसराय की बात करें तो नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में बिहार की औद्योगिक राजधानी बेगूसराय में उद्योग का सर्वांगीण विकास करने के साथ-साथ यहां आधारभूत संरचना भी मजबूत की जा रही है। खाद कारखाना का निर्माण कर उत्पादन शुरू करना, बरौनी रिफाइनरी का विस्तारीकरण एवं पेट्रोकेमिकल स्थापना का प्रक्रिया शुरू करने की स्थापना एनटीपीसी का विस्तारीकरण तथा सिमरिया राजेंद्र पुल के समानांतर सिक्स लेन सड़क पुल एवं नई रेलवे का निर्माण शुरू करना बता रहा है प्रधानमंत्री विकास की समग्र प्रक्रिया के लिए कितने प्रयत्नशील हैं।
इसका एक और परिणाम है 2023-24 का रेल बजट, इस बजट में बेगूसराय से जुड़े रेलवे की संरचना के लिए बड़ी धनराशि दी गई है। सिमरिया में राजेन्द्र पुल के समानांतर निर्माणाधीन रेलवे पुल के निर्माण को गति देने के लिए प्रावधान किया गया है। इस रामपुर डुमरा-टाल-राजेन्द्र पुल-अतिरिक्त पुल एवं दोहरीकरण (14 किलोमीटर) के लिए पांच सौ करोड़ स्वीकृत किया गया है। वहीं, गढ़हरा यार्ड में 11 वीं आरपीएफ बटालियन की स्थापना तथा बरौनी बाईपास स्टेशन पर यात्री सुविधाओं के विकास के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है।
बजट में किए गए इस प्रावधान से सिमरिया में राजेन्द्र पुल के समानांतर बन रहे 1.86 किलोमीटर लंबे रेल पुल के निर्माण में और तेजी आएगी तथा 2023 के अंतिम तक निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद संभावना है कि 2024 में इस पुल से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। पुल का निर्माण होने से ना केवल पूर्वोत्तर भारत का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क सुदृढ़ हो जाएगा, बल्कि भारतीय सेना के जवान को भी पूरी तैयारी के साथ तेज गति से चीन की सीमा पर पहुंचने में आसानी होगी। आजादी के बाद देश में गंगा नदी पर सबसे पहले बने राजेन्द्र सेतु के रेल मार्ग में सिंगल रेल ट्रैक रहने के कारण बरौनी से राजेन्द्र पुल स्टेशन तथा औंटा और रामपुर-डुमरा के बीच ट्रेन को खड़ा करना पड़ता है।
बजट में गढ़हरा में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) बटालियन की 11वीं इकाई की स्थापना के लिए किया गया प्रावधान कहीं ना कहीं कभी एशिया के सबसे बड़े रेलवे यार्ड रहे गढ़हरा के पुनरुद्धार की प्रक्रिया है, जो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी सोच को परिलक्षित कर रहा है। बरौनी और बेगूसराय स्टेशन के विकास तथा कई आरओबी एवं नवीकरण के लिए भी राशि दी गई है। भारतीय रेल के बजटीय पिंक बुक में पेज नंबर-781 से 865 तक पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के विभिन्न योजनाओं पर खर्च की जाने वाली राशि का उल्लेख है। हालांकि, इसमें बेगूसराय मुख्यालय के स्टेशन के उत्तर साईड स्टेबलिंग लाईन, लूप लाईन बिछाने, नए प्लेटफार्म नंबर-चार एवं पांच का निर्माण, बेगूसराय स्टेशन का विस्तार का कोई खास उल्लेख नहीं है। हालांकि, अमृत भारत योजना के तहत बेगूसराय एवं बरौनी स्टेशन को तकनीकी, आर्थिक सर्वे की स्थिति में बताया गया है। अब वर्ल्ड क्लास शब्द ही हटा दिया गया है, इसके स्थान पर अमृत योजना के नाम से स्टेशन का मौलिक विकास होगा।
उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय द्वारा पूर्व मध्य रेल की रेल परियोजनाओं, यात्री सुविधा, संरक्षा, आधारभूत संरचना के उन्नयन कार्य के लिए रिकॉर्ड धनराशि आवंटित की गई है। इस बजट में पूर्व मध्य रेल के लिए 8568 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गई है। गया एवं मुजफ्फरपुर स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए बजट में गया स्टेशन के लिए 140 करोड़ तथा मुजफ्फरपुर स्टेशन के लिए 176 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बेगूसराय, बरौनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, बापूधाम मोतिहारी, बक्सर, सिंगरौली, धनबाद एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशनों के विकास के लिए 215 करोड़ का आवंटन मिला है।