सुशासन की पहली शर्त है सुरक्षा और कानून का राज

लखनऊ। सीएम योगी ने कहा कि यही वही उत्तर प्रदेश है, जहां से कभी निवेशक अपना बिजनेस बंद करके चले जाते थे। कैरान और कांधला जैसे कस्बों से पलायन होता था। 2017 के पहले जो कैरान वीरान हो गया था आज वो आबाद हो गया है, जिन्होंने पलायन किया था वो वापस आ गए हैं। अब लोगों को भय नहीं लगता। आज प्रदेश से अपराधी पलायन कर रहे हैं। सुरक्षा के कारण यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) का आयोजन हुआ है। देश और दुनिया का हर निवेशक उत्तर प्रदेश में आया, जो निवेशक पहले यूपी में आने में डरता था वो तीन दिन तक लखनऊ में रहा। 25 हजार निवेशकों ने 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हस्ताक्षरित कर इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब सरकार हमें बुलाएगी और हम अपना निवेश यूपी में करके यहां के नौजवानों को नौकरी की सुविधा देंगे।

चयनित अभ्यर्थियों को दी सलाह
सीएम योगी ने कहा कि अमृतकाल के प्रथम वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। उसकी डिजिटल इकोनॉमी से संबंधित तीन दिवसीय समिट का आयोजन लखनऊ में हुआ। जिसमें 20 देशों, सात मित्र देशों और सात अन्य देशों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। जी20 और जीआईएस में एक बात देखने को मिली लोगों ने यहां की व्यवस्था आतिथ्य भाव को सम्मान की दृष्टि देखा। प्रतिनिधियों ने उनके और नागरिकों के प्रति पुलिस के व्यवहार की सराहना की। किसी अतिथि और नागरिक के साथ कोई दुर्व्यवहार न हो, लोग ट्रैफिक जाम में न फंसे और किसी प्रकार की अराजकता और गुंडागर्दी के लिए जगह न हो तो हमें मानना चाहिए की हम सही दिशा में हैं। उन्होंने नए चयनित अभ्यर्थियों को सलाह देते कहा कि अब आप लोग प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। उस समय आपकी असली परीक्षा शुरू होगी। एक बात ध्यान रखिएगा प्रशिक्षण में जितना पसीना बहाएंगे उतना ही बाद में खून बहाने की नौबत नहीं आएगी।

उत्तर प्रदेश के प्रति बदला है लोगों का परसेप्शन
सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश के प्रति लोगों का परसेप्शन बदला है। 6 वर्ष पहले जो युवा भर्ती की तैयारी करता था उसे उत्तर प्रदेश के बाहर अपनी पहचान छुपानी पड़ती थी। ये कौन लोग हैं, जिन्होंने यहां के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया था। प्रदेश के बहुत सारे जनपद ऐसे थे जिनका युवा नाम ही नहीं लेना चाहते थे। गलती किसी जनपद के धरती की नहीं बल्कि सिस्टम की थी। आज प्रदेश 75 जनपद के लोग अपने जिले का नाम गौरव से ले सकता है। आज लोग बोल सकते हैं कि आजमगढ़ से हैं।

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