Swaraj Serial: स्वराज की गौरव गाथाएँ अब दूरदर्शन पर नए अंदाज़ में

प्रधानमंत्री ने भी की थी स्वराज देखने की अपील

  • प्रदीप सरदाना 

आज़ादी के अमृत महोत्सव के मौके पर शुरू हुआ दूरदर्शन का मेगा सीरियल ‘स्वराज’ अब दर्शकों को नए रंग, नए अंदाज़ में भी देखने को मिल सकेगा। दूरदर्शन ने ‘स्वराज’ का प्रसारण गत 14 अगस्त को शुरू किया था। तब से इसका प्रसारण रविवार सुबह 9 बजे के साथ रात 9 बजे भी हो रहा है। जिसका पुनर्प्रसारण मंगलवार, बुधवार और गुरुवार एक बजे होता है तो शनिवार को रात 9 बजे भी।

इधर अब दूरदर्शन ने अपने इस ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ को अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए एक नया फैसला लिया है। वह यह कि अब ‘स्वराज’ हर शनिवार, रविवार दोपहर एक बजे से ‘बिंज वाच मोड’ पर भी प्रसारित होगा। जिससे दर्शक इसके पूर्व प्रसारित तीन एपिसोड एक साथ देख सकेंगे। इसकी शुरुआत 11 फरवरी से हो गयी है। 12 फरवरी को इसका दूसरा संस्करण होगा। इसके बाद फिर अगले हफ्ते 18 और 19 फरवरी को तथा उसके बाद 25 और 26 फरवरी के शनिवार, रविवार को इसके तीन तीन एपिसोड एक साथ प्रसारित होंगे। फिर ऐसे ही यह सिलसिला 4 और 5 मार्च को चलते हुए आगे भी जारी रहेगा।

जिन लोगों ने यह सीरियल देखा है वह तो इसे अच्छे से जानते ही हैं। लेकिन जिन दर्शकों ने इसे अभी तक नहीं देखा, उन्हें बता दें कि ‘स्वराज’ लीक से हटकर एक ऐसा मेगा सीरियल है जो कभी कभार ही बनते हैं। जिसकी कथा सन 1498 से तब से शुरू होती है जब वास्को डी गामा ने भारत की धरती पर कदम रखा था। जबकि धारावाहिक का अंत अगस्त 1947 मेँ तब होता है जब भारात आज़ाद हुआ था। जिससे ‘स्वराज’ के इन 75 एपिसोड मे भारत के 449 वर्ष का इतिहास सँजोने का प्रयास किया गया है।

यूं तो सीरियल के 75 एपिसोड के हर एक एपिसोड मेँ मुख्यतः एक स्वाधीनता सेनानी की गाथा है। लेकिन उसी कहानी मेँ कुछ अन्य स्वतन्त्रता सेनानियों की कहानी जोड़कर उस दौर की कुछ ऐसी घटनाओं को भी दिखाया जा रहा है जिससे इतिहास के पन्ने एक-एक करके खुलते चले जाएँ।

सीरियल की खास बात यह भी है कि इसमें उन स्वाधीनता सेनानियों की गाथा को ज्यादा फोकस किया है जिनके योगदान को बहुत लोग या तो जानते नहीं या फिर बहुत कम लोग जानते हैं।

देश के ऐसे भूले बिसरे नायक-नायिकाओं मेँ रानी अबक्का,रानी गाइदिनल्यू,तिरोत सिंह,बक्शी जगबंधु,शिवप्पा नायक,सिद्धो कान्हो मुर्मु,कान्हो जी आंग्रे और तिलका मांझी के नाम हैं। तो चिमाजी अप्पा, सरदार अजित सिंह,राजा दायराम,कुँवर सिंह-अमर सिंह,मास्टर सूर्यसेन और ठाकुर महावीर सिंह के भी।

हालांकि आज़ादी के आंदोलन को एक नया शिखर देने वाले देश के कई जाने माने नायक नायिकाओं की गाथा भी इसमें है। जैसे महाराज शिवाजी, शहीद भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, सुभाष चंद्र बॉस, लोकमान्य तिलक, गणेश-विनायक सावरकर, रामप्रसाद बिस्मिल,उधम सिंह, राजगुरु, सुखदेव, मदन लाल ढींगरा, भाई परमानंद, लाला लाजपत राय, लाला हर दयाल, मंगल पांडे, खान अब्दुल गफ्फार खान,खुदी राम बोस, बिरसा मुंडा, बेगम हजरत महल,नाना साहब पेशवा, तात्या टोपे, भीकाजी कामा और बटुकेश्वर दत्त। साथ ही और भी कई जाने-अंजाने नाम इस स्वराज गाथा मेँ शामिल हैं।

तकनीकी रूप में भी ‘स्वराज’ अन्य बहुत से सीरियल से आगे है। इसका निर्माण 4 के –एच डी तकनीक मेँ हो रहा है। उधर इसके सेट्स और वेश भूषा की भव्यता भी देखते ही बनती है। जिससे देश के स्वतन्त्रता संग्राम का इतिहास जीवंत हो उठता है।

‘स्वराज’ यह भी दिखा रहा है कि हम अक्सर देश मेँ अंग्रेजों के अन्याय और अत्याचार को तो अधिक याद करते हैं। लेकिन इनके साथ फ्रांसीसी, डच और पुर्तगाली उपनिवेशवादियों ने भी भारत मेँ कई अत्याचार किए। इसलिए उनकी बहुत सी बातें भी इस धारावाहिक मेँ दिखाई जा रही हैं। ये सभी लोग भारत मेँ घुसकर किस तरह ‘सोने की चिड़िया’ कहे जाने वाले देश को लूटने के साथ ज़ोर-जुर्म भी करते रहे, वह सब इस सीरियल मेँ देख आँखें भीग जाती हैं। । उनका बलिदान हमारे तन और मन दोनों को झकझोर कर रख देता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी की थी ‘स्वराज’ देखने की अपील  

‘स्वराज’ कितना बड़ा और कितना अहम सीरियल है, इस बात का एहसास इस बात से भी हो सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसे देखने की अपील कर चुके हैं। अगस्त 2022 के अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था ‘स्वराज’ लोगों को जरूर देखना चाहिए। साथ ही इसे बच्चों को भी दिखाना चाहिए। जिससे सभी आज़ादी के आंदोलन और स्वतन्त्रता सेनानियों की शौर्य गाथा जान सकें।

यह सीरियल शुरू होने से पहले गत 5 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह और सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित 30 से अधिक सांसदों ने भी इस सीरियल को देखा था। अमित शाह ने तब कहा था –“हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मेँ आज़ादी का अमृत महोत्सव तो मना ही रहे हैं। उसीके साथ ‘स्वराज’ सीरियल के माध्यम से हम उन अनेक लोगों को भी याद कर रहे हैं, जिन्होंने आज़ादी दिलाने मेँ अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। ‘स्वराज’ के प्रसारण का उदेश्य जनमानस के अंदर हीन भावना को समूल उखाड़ फेंक, गौरव का भाव लाना है।‘’

उधर अनुराग ठाकुर ने भी कहा था -‘’ हम भारत वासियों से बढ़कर ‘स्वराज’ की कीमत कौन जानता है। आज़ादी के इस अमृत महोत्सव पर दूरदर्शन-आकाशवाणी ने स्वतन्त्रता सेनानियों के अदम्य साहस की गाथाओं को पुनः जीवंत करने और इन गुमनाम सेनानियों से युवा पीढ़ी को परिचित कराने का अत्यंत सराहनीय कार्य किया है।‘’

‘स्वराज’ जन जन तक पहुंचे इसलिए इसे हिन्दी के साथ 9 प्रादेशिक भाषाओं और अँग्रेजी में भी प्रसारित किया जा रहा है। इतना ही नहीं आकाशवाणी के विभिन्न केंद्र भी इसका विभिन्न भाषाओं में प्रसारण कर रहे हैं।

‘स्वराज’ का निर्माण दूरदर्शन की देख रेख मेँ ‘कॉन्टिलो पिक्चर्स’ के दिग्गज निर्माता अभिमन्यु सिंह कर रहे हैं। पिछले करीब 20 बरसों से सीरियल निर्माण मेँ सक्रिय अभिमन्यु सिंह, इससे पहले कई ऐतिहासिक धारावाहिक बना चुके हैं। जिनमें वीर शिवाजी,झाँसी की रानी,चक्रवर्ती अशोक सम्राट,भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप, और शेर-ए-पंजाब-महाराजा रणजीत सिंह शामिल हैं।

दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल ने एक विशेष बात चीत में बताया- ‘स्वराज’ बहुत ही शानदार सीरियल है। हम चाहते हैं इसे देश दुनिया में हर कोई इसे देखे। इसीलिए हमने इसे अब ‘बिंज वाच मोड’ पर दिखाने का अहम फैसला लिया है। 45-45 मिनट के 3 एपिसोड एक साथ देखना दर्शकों को एक अलग सुखद अनुभूति प्रदान करेगा।

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