सचिन पायलट ने किया गहलोत सरकार का विरोध, चुनाव से पहले खोल डाला अब यह नया मोर्चा

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ही पार्टी की गहलोत सरकार के खिलाफ एक नया मोर्चा खोल दिया है। राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कथित तौर पर हुए ‘भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई की मांग को लेकर उन्होंने एक दिन के अनशन का ऐलान किया है। पायलट ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि महात्मा ज्योति बा फुले की जयंती के दिन 11 अप्रैल को वह शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करेंगे।

इस साल के आखिर में राज्य में होने वाले चुनाव को देखते हुए यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच खटास भरे संबंधों के और बिगड़ने को भी दर्शाता है।

पायलट ने यहां अपने निवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर (गहलोत सरकार द्वारा) कोई कार्रवाई नहीं की गई। विपक्ष में रहते हुए हमने वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी।’ उन्होंने कहा कि चुनाव होने में छह-सात महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कुछ मिलीभगत है। इसलिए कार्रवाई जल्द करनी होगी ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

गौर हो कि महात्मा ज्योति बा फुले सैनी समुदाय से थे, जिससे गहलोत आते हैं। दिसंबर 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान है।

कांग्रेस गहलोत सरकार के समर्थन में

कांग्रेस नेता सचिन पायलट के राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर ताजा हमले के बाद रविवार को पार्टी ने कहा कि गहलोत सरकार ने बड़ी संख्या में ऐसी योजनाएं लागू कीं, जिनसे लोगों को फायदा हुआ है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाएं लागू और कई नई पहल की हैं, जिन्होंने लोगों को गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ‘इससे राज्य को शासन की दृष्टि से हमारे देश में अग्रणी स्थान मिला है। राजस्थान में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ उत्कृष्ट रूप से सफल रही और यह सब राज्य में पार्टी संगठन के समर्पण और दृढ़ संकल्प से संभव हो सका।

 

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