उड़ान भरने के लिए Go First पर लगाया गया 10 लाख रुपये का जुर्माना

बेंगलुरू से दिल्ली जाने वाली गो फर्स्ट फ्लाइट G8116 कथित तौर पर 55 यात्रियों के बिना उड़ान भरी थी। ये वो यात्री थे जिनके पास बोडिंग पास भी थे और उन्होंने अपना सामान भी चेक-इन कर दिया था लेकिन कथित तौर पर टरमैक पर फंसे हुए थे। इस घटना के बाद, डीजीसीए ने गो फर्स्ट के जवाबदेह प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि एयरलाइन के खिलाफ उनके नियामक दायित्वों के उल्लंघन के लिए प्रवर्तन कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
एयरलाइन ऑपरेटर ने बुधवार, 25 जनवरी को कारण बताओ नोटिस पर अपना जवाब प्रस्तुत किया। गो फर्स्ट द्वारा प्रस्तुत जवाब से पता चला कि विमान में यात्रियों को चढ़ाने के संबंध में टर्मिनल समन्वयक (टीसी), वाणिज्यिक कर्मचारियों और चालक दल के बीच अनुचित संचार और समन्वय था।

एयरलाइन ग्राउंड हैंडलिंग, लोड और ट्रिम शीट की तैयारी, उड़ान प्रेषण और यात्री/कार्गो हैंडलिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रही। इसलिए, नागरिक उड्डयन की नियामक संस्था ने CAR सेक्शन 3, सीरीज़ C, पार्ट II और एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर II, 2019 के उल्लंघन के लिए एयरलाइन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

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