कला संस्कृति की विरासत से महकेगा लाल किला, नए-पुराने कलाकार मिलकर रचेंगे नया इतिहास

  • प्रदीप सरदाना

वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक

 

हमारा लाल किला यूं हर बरस स्वतन्त्रता दिवस पर तब तो सुर्खियों में आता ही है जब प्रधानमंत्री यहाँ की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। लेकिन यह लाल किला अपनी वास्तुकला से तो बरसों से दुनिया को आकर्षित करता ही रहा है। साथ ही मुगलों, अंग्रेजों और देश के स्वतन्त्रता आंदोलनों सहित कितनी ही और कहानियाँ भी यहाँ से जुड़ी हैं। लेकिन अब यही लाल किला एक और नया इतिहास रचने जा रहा है।

भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय, देश की समृद्ध कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश का पहला ‘भारत कला वास्तुकला और डिजायन बीएनेल’ (Biennale) आयोजित करने जा रहा है। जिससे कलाकारों की कला को बढ़ावा मिलने के साथ उन्हें वैश्विक मंच भी मिल सकेगा। साथ ही भारतीय कला को बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाज़ार मिलने से भारत की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो सकेगी।

इस बीएनेल (द्विवार्षिकी) समारोह का पहला आयोजन 8 दिसंबर को आरंभ होगा। पहला दिन उद्घाटन और अति विशिष्ट व्यक्तियों के पूर्वावलोकन के नाम होगा। लेकिन 9 से 15 दिसंबर तक यहाँ आयोजित कला प्रदर्शनियाँ आमजन के लिए खुली रहेंगी। इसमें देश-विदेश के 150 कलाकार और वास्तुकार हिस्सा ले रहे हैं। जहां अंतरराष्ट्रीय कलाकारों,वास्तुकारों और डिजाइनरों के भाषण,उनसे मुलाकातें, पैनल चर्चा और विभिन्न कार्यशालाएँ इस समारोह को एक नया शिखर प्रदान करने में सक्षम होंगी।

यह प्रदर्शनी अधिक से अधिक लोग देख सकें इसके लिए बीएनेल का यह मंडप 31 मार्च 2024 तक प्रदर्शित रहेगा। साथ ही ललित कला अकादमी में भी छात्रों के लिए भी 9 दिसंबर से एक अलग बीएनेल आयोजित किया जा रहा है।

केन्द्रीय संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी इस भव्य आयोजन को लेकर कहती हैं- ‘’प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर देश में लाल किले सहित 5 सांस्कृतिक स्थान स्थापित होंगे। हमने इस समारोह के उद्घाटन के लिए भी मोदी जी से आग्रह किया है। इस बीएनेल से स्थापित कलाकारों के साथ उभरते कलाकारों को भी लाभ मिलेगा। इसमें हमारे दो पिछले बड़े आयोजन म्यूजियम एक्स्पो और फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज़ के बाद यह एक और बड़ा आयोजन है।‘’

बता दें इस प्रकार के बीएनेल वेनिस, बर्लिन, साओ पाउलो और दुबई में काफी प्रतिष्ठित हैं। अब भारत में अपने इस द्विवार्षिक समारोह की पहल से भारत की कला के लिए नए मार्ग प्रशस्त होंगे।

इस पत्रकार सम्मेलन में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा और पत्र सूचना कार्यालय की अतिरिक्त महानिदेशक बीना यादव भी उपस्थित थीं।

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