PM Modi ने गुजरात के गांधीनगर में सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2023 का किया उद्घाटन, कहा भारत कभी निराश नहीं करता है, सेमीकंडक्टर निवेश के लिए एक उत्कृष्ट स्‍थल बन रहा है

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। क्रांति के हिस्से के रूप में, सेमीकंडक्टर एक अपरिहार्य भूमिका निभाते हैं और संचार, रक्षा, ऑटोमोबाइल तथा कंप्यूटिंग उपकरणों सहित लगभग सभी क्षेत्रों में इसका अनुप्रयोग होता है। देश की प्रगति के महत्वपूर्ण स्तंभ को मजबूत करते हुए – ‘इलेक्ट्रॉनिक्स’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण पर बल देते हुए, भारत अपनी मूल्य श्रृंखला को व्यापक और गहरा करने तथा एक विश्व स्तरीय सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र की सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है।

भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण के केंद्र के रूप में प्रदर्शित करने के लिए पिछले साल बेंगलुरु में सेमीकॉन इंडिया 2022 सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें सफलता के आधार स्वरूप इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ने गुजरात के गांधीनगर में महात्मा मंदिर में ‘कैटालाइजिंग इंडियाज सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम’ विषय पर सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन, 2023 का आयोजन किया। इस सम्मेलन में 23 से अधिक देशों के 8,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन, 2023 में माइक्रोन टेक्नोलॉजी, एप्लाइड मैटेरियल्स, फॉक्सकॉन, कैडेंस और एएमडी और उद्योग संघ, एसईएमआई जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों के उद्योग जगत के नेतृत्व की भागीदारी देखी गई।

तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन 2023 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और अपने विशेष संबोधन में उन्होंने लोगों के दैनिक जीवन में सेमीकंडक्टर की भूमिका पर बल दिया तथा बताया कि कैसे भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के निर्माण के लिए सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिबद्ध है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि सेमीकॉन जैसे कार्यक्रम सॉफ्टवेयर अपडेट की तरह हैं जहां विशेषज्ञ और उद्योग जगत के प्रतिनिधि आपस में मुलाकात करते हैं और अपने विचार साझा करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह हमारे संबंधों के समन्वय के लिए महत्वपूर्ण है।” श्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इस क्षेत्र से जुड़े नवाचारों और इसकी ऊर्जा पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने सभी से विशेषकर युवा पीढ़ी से प्रदर्शनी में आने और नई तकनीक की ताकत को समझने का आग्रह किया।

पिछले साल पहले सेमीकॉन की भागीदारी को स्‍मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग को लेकर भारत में निवेश के बारे में उस समय उठाए गए सवालों पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेखांकित किया कि एक वर्ष की अवधि में ‘भारत में निवेश क्यों करें’ का सवाल बदलकर ‘भारत में निवेश क्यों न करें’  हो गया है। श्री मोदी ने भारत में अपना विश्वास जताने के लिए उद्योग जगत की सराहना करते हुए कहा, “उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के प्रयासों के कारण एक दिशा आधारित बदलाव आया है।” उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भारत की आकांक्षाओं और सामर्थ्‍य को अपने भविष्य तथा सपनों के साथ जोड़ लिया है। उन्होंने कहा, “भारत कभी निराश नहीं करता है।” श्री मोदी ने 21वीं सदी के भारत में अवसरों की प्रचुरता को रेखांकित किया और कहा कि लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और लाभांश, भारत में व्यापार को बढाकर दोगुना से तीन गुना कर देंगे।

उन्‍होंने गुणात्‍मक वृद्धि से संबंधित मूर के नियम का उल्लेख किया। उन्‍होंने कहा कि हम भारत के डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में समान गुणात्‍मक वृद्धि देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी कई गुना बढ़ गई है। वर्ष 2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण 30 अरब डॉलर से भी कम था, जो आज 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। पिछले 2 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल उपकरणों का निर्यात दोगुना हो गया है। वर्ष 2014 के बाद भारत में हुए तकनीकी विकास पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पहले भारत में केवल दो मोबाइल विनिर्माण इकाइयां थीं, जबकि आज यह संख्या 200 से अधिक हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि आज देश में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है, जबकि इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 25 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ से अधिक हो गई है। इन आंकड़ों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि ये न केवल भारत की प्रगति के प्रतीक हैं, बल्कि देश के बढ़ते व्‍यापार के भी संकेतक हैं। श्री मोदी ने सेमीकॉन उद्योग के गुणात्‍मक विकास के लक्ष्य को हासिल करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

श्री मोदी ने कहा, “दुनिया आज उद्योग 4.0 क्रांति देख रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी औद्योगिक क्रांति का आधार उस विशेष क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाएं हैं। प्रधानमंत्री ने उद्योग 4.0 क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं के बीच एक सादृश्य बनाते हुए कहा कि अतीत में औद्योगिक क्रांतियों और अमेरिकी सपने का एक ही संबंध था। उन्होंने कहा कि भारत के विकास के पीछे भारतीय आकांक्षाएं ही प्रेरक शक्ति हैं। उन्होंने हाल ही रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि गरीबी बहुत तेजी से घट रही है जिससे देश में नव-मध्यम वर्ग का उदय हो रहा है। तकनीक की अनुकूल प्रकृति और प्रौद्योगिकी अपनाने के प्रति भारतीय लोगों की उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सस्ती डेटा दरें, गुणवत्तापूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति डिजिटल उत्पादों की खपत को बढ़ा रही है। श्री मोदी ने कहा, “हेल्थ से लेकर एग्रीकल्चर और लॉजिस्टिक्स तक, स्मार्ट टेक्नोलॉजी के उपयोग के विजन पर भारत काम कर रहा है।” उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे लोग हैं जिन्होंने बुनियादी घरेलू उपकरण का उपयोग नहीं किया होगा लेकिन वे इंटरकनेक्टेड स्मार्ट उपकरणों का उपयोग करने जा रहे हैं। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेष छात्रों ने पहले साइकिल का उपयोग नहीं किया होगा, लेकिन वे आज स्मार्ट इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का बढ़ता नव-मध्यम वर्ग भारतीय आकांक्षाओं का पावरहाउस बना हुआ है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि चिप-निर्माण उद्योग अवसरों से भरा बाजार है और उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग जल्दी शुरुआत करते हैं उन्हें दूसरों की तुलना में पहले-पहल लाभ मिलना निश्चित है।

प्रधानमंत्री ने महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के दुष्प्रभावों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया को एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत है। उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से ज्यादा भरोसेमंद भागीदार कौन हो सकता है।” उन्होंने भारत के प्रति बढ़ते वैश्विक भरोसे पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “निवेशकों को भारत पर भरोसा है क्योंकि यहां एक स्थिर, जिम्मेदार और सुधारोन्मुखी सरकार है। उद्योग जगत को भारत पर भरोसा है क्योंकि हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है। तकनीकी क्षेत्र भारत पर विश्वास करता है क्योंकि यहां प्रौद्योगिकी बढ़ रही है। सेमीकंडक्टर उद्योग भारत पर भरोसा करता है क्योंकि हमारे पास विशाल प्रतिभा पूल है।” उन्होंने कहा, “कुशल इंजीनियर और डिजाइनर हमारी ताकत हैं। जो कोई भी दुनिया के सबसे जीवंत और एकीकृत बाजार का हिस्सा बनना चाहता है, उसे भारत पर भरोसा है। जब हम जब हम कहते हैं कि मेक इन इंडिया, तो उसमें ये बात भी शामिल है कि आइए, मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी वैश्विक जिम्मेदारियों को समझता है और मित्र देशों के साथ व्यापक रोडमैप पर काम कर रहा है। इसीलिए भारत एक जीवंत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल भी संसद में पेश किया जाने वाला है। सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को नया रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में 300 से अधिक ऐसे प्रमुख कॉलेजों की पहचान की गई है जहां सेमीकंडक्टर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे। चिप्स टू स्टार्टअप प्रोग्राम से इंजीनियरों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “अनुमान है कि अगले 5 वर्षों में हमारे देश में एक लाख से अधिक डिजाइन इंजीनियर तैयार होने वाले हैं। भारत का बढ़ता स्टार्ट-अप इकोसिस्टम सेमीकंडक्टर सेक्टर को भी मजबूत करने जा रहा है।”

एक कंडक्टर और इंसुलेटर की उपमा देते हुए, जहां ऊर्जा कंडक्टर के माध्यम से गुजर सकती है, न कि इंसुलेटर के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक अच्छा ऊर्जा कंडक्टर बनने के लिए हर चेकबॉक्स पर टिक कर रहा है। इस क्षेत्र के लिए बिजली की महत्वपूर्ण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत की सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता पिछले दशक में 20 गुना से अधिक बढ़ गई है और इस दशक के अंत तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता का नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सौर पीवी मॉड्यूल, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र के उत्पादन के लिए उठाए गए प्रमुख कदमों के बारे में भी बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में हो रहे नीतिगत सुधारों का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने नए विनिर्माण उद्योग के लिए लागू कई करों में छूटों के बारे में भी जानकारी दी और भारत में सबसे कम कॉर्पोरेट कर की दर, फेसलेस और निर्बाध कराधान प्रक्रिया, पुराने कानूनों का उन्मूलन, कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए अनुपालन और सेमीकंडक्टर उद्योग को विशेष प्रोत्साहन दिये जाने पर भी प्रकाश डाला। श्री मोदी ने कहा कि ये निर्णय और नीतियां इस तथ्य का प्रतिबिंब हैं कि भारत सेमीकंडक्टर उद्योग का जोरदार स्वागत रहा है। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे भारत सुधार की राह पर आगे बढ़ेगा, नए अवसर पैदा होंगे। भारत सेमीकंडक्टर निवेश के लिए एक उत्कृष्ट संवाहक बन रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, कच्चे माल, प्रशिक्षित जनशक्ति और मशीनरी की जरूरतों को समझता है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “जिस क्षेत्र में हमने निजी कारोबारियों के साथ मिलकर काम किया है, उसने नई ऊंचाइयों को छुआ है। चाहे वह अंतरिक्ष क्षेत्र हो या भू-स्थानिक क्षेत्र, हमें हर जगह उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं।” उन्होंने प्राप्त किये गए फीडबैक के आधार पर लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि के बारे में भी बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि अब प्रौद्योगिकी फर्मों को भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। श्री मोदी ने कहा, “हम देश के सेमीकंडक्टर सेक्टर के विकास में तेजी लाने के लिए लगातार नीतिगत सुधार कर रहे हैं।”

भारत की जी20 थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनाने के पीछे भी यही भावना काम करती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत चाहता है कि उसके कौशल, क्षमता और सामर्थ्य से पूरी दुनिया लाभान्वित हो। उन्होंने वैश्विक भलाई और बेहतर दुनिया के लिए भारत की क्षमता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस उद्यम में भागीदारी, सुझावों और विचारों का स्वागत किया और उद्योग जगत की हस्तियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने लालकिले से अपने संबोधन को याद करते हुए कहा, ”यही समय है। यही सही समय है। सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए।”

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, संचार और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारत में हर क्षेत्र की प्रगति में प्रधानमंत्री की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सभा को संबोधित किया और विशेष रूप से प्रधानमंत्री के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर से संबधित विनिर्माण संयंत्र के दूरदर्शी मार्गदर्शन की सराहना की।

प्रमुख वैश्विक उद्योग जगत के नेताओं ने “भारत के सेमीकंडक्टर संयंत्र को उत्प्रेरित करना” विषय पर मुख्य संबोधन दिया। माइक्रोन के पक्ष मे संबोधन देते हुए संजय मेहरोत्रा ​​ने भारत के लिए विनिर्माण संयंत्र को मजबूत और विस्तार करने के महत्वपूर्ण अवसरों पर प्रकाश डाला। सेमीकंडक्टर उद्योग में माइक्रोन की मुख्य भूमिका है, साथ ही इसे भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा का हिस्सा होने पर गर्व है। कैडेंस के अध्यक्ष और सीईओ अनिरुद्ध देवगन ने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत की मजबूती में सरकारी समर्थन और पहल, प्रौद्योगिकी प्रतिभा, बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उपस्थिति और चल रहे डिजिटल इंडिया परिवर्तन शामिल हैं।

एसपीजी, एप्लाइड मैटेरियल्स के अध्यक्ष, प्रभु राजा ने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्वच्छ ऊर्जा पहल और क्लाउड कंप्यूटिंग, उन्नत डेटा जेनरेशन और ट्रांसफर सिस्टम के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन जैसे कारकों से प्रेरित विकास का अनुभव कर रहा है। फ्लैश मेमोरी और आवश्यक स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी कंपनी, वेस्टर्न डिजिटल के अध्यक्ष, श्री शिव शिवराम के अनुसार भारत में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने हेतु, बौद्धिक संपदा निर्माण आवश्यक है।

मार्क पेपरमास्टर, सीटीओ, एएमडी ने एआई विभक्ति बिंदु और भारत के लिए इसकी जबरदस्त क्षमता के बारे में बात की। एएमडी सक्रिय रूप से इस क्षेत्र में नवाचार चला रहा है, भारत को एएमडी के लिए दुनिया के सबसे बड़े डिजाइन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए अगले 5 वर्षों में भारत में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश कर रहा है। फॉक्सकॉन के मुख्य रणनीति अधिकारी श्री एसवाई चियांग ने मूर के कानून युग के बाद की चुनौतियों और अवसरों को प्रस्तुत किया। उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग में सिस्टम डिजाइन और विभाजन, पैकेजिंग और पीसीबी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और आइओटी जैसे अनुप्रयोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में उभरती आवश्यकताओं की ओर इंगित किया।

इसके अतिरिक्त, सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम से जुड़े विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। डॉ. मनीष हुडा, एससीएल; श्री विवेक शर्मा, एसटीमाइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स; डॉ. यी शायी चांग, ​​प्रौद्योगिकी राजदूत, आईसीईए; श्री रोहित गिरधर, इन्फिनियॉन टेक्नोलॉजीज; श्री श्रीराम रामकृष्णन, बिजनेस हेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड; हीरानंदानी समूह के श्री दर्शन हीरानंदानी ने भारत में मिश्रित अर्धचालकों के निर्माण के फायदों के बारे में चर्चा की। वक्ताओं ने ईवी के लिए सिलिकॉन कार्बाइड को प्राथमिकता देने और सिस्टम डिजाइन और गैलियम नाइट्राइड अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया।

डिस्प्ले निर्माण की गतिशीलता पर पैनल चर्चा में उद्योग विशेषज्ञों, डॉ. जी. राजेश्वरन, ग्रांटवुड टेक्नोलॉजीज; श्री सूरज रेंगराजन, एप्लाइड मटेरियल्स; डॉ. वाईजे चेन, सीईओ, वेदांता डिस्प्लेज़ लिमिटेड; अचिंत्य भौमिक, अध्यक्ष, एसआईडी; शार्प के ईवीपी, अजीत अरस ने डिस्प्ले सेक्टर के विकास पथ, विनिर्माण में स्तरीय अर्थव्यवस्थाओं और एलसीडी और ओएलईडी असेंबली के बिल्डिंग ब्लॉक्स को समझने की आवश्यकता पर बल दिया।

इन्वेस्ट इंडिया की एमडी और सीईओ निवृत्ति राय ने भारत में टिकाऊ सेमीकंडक्टर विनिर्माण, निवेश के अवसरों और कैसे भारत स्थिरता लक्ष्यों को प्रतिस्पर्धी लाभ में बदल सकता है, के बारे में बात की। “आईएसएम: भारत में सेमीकंडक्टर निवेश को आकर्षित करना” विषय पर पैनल चर्चा के दौरान, विशेषज्ञ, अजीत मनोचा, एसईएमआई; सिरिल पैट्रिक फर्नांडीज, सीटीओ और एमडी, एएफटी; अजय साहनी, पूर्व सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय; नीलकंठ मिश्रा, मुख्य अर्थशास्त्री, एक्सिस बैंक; सुनीत शुक्ला, आईएफसीआई और के. मुकुंदन, एनआईआईएफ ने प्रस्तावों द्वारा तकनीकी-वित्तीय अपेक्षाओं पर जोर देने के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण के बारे में चर्चा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि व्यवसाय योजना और निष्पादन योजना की व्यवहार्यता भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) द्वारा भविष्य के प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में काम करेगी।

वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास में भारत ने बड़ी भूमिका निभानी है और सेमीकोन इंडिया सम्मेलन 2023 ने प्रतिभागियों को भारत में सेमीकंडक्टर संयंत्र को आकार देने वाले विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

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