नेचुरल फार्मिंग व सरकारी वेयरहाउस किसानों के लिये फायदेमंद

कोटा। राजस्थानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (रास) द्वारा हाल में नेशनल बिजनेस मीट की पैनल चर्चा में देश में नेचुरल फार्मिंग एवं नैनो तकनीक से इको फ्रेन्डली ऑर्गेनिक कीटनाशक उपयोग करने के लिये सुझाव दिये थे। वर्तमान बजट में इसके लिये 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर व माइक्रो फर्टीलाइजर व पेस्टिसाइड निर्माण व वितरण के लिये नेटवर्क बनाने का प्रावधान किया गया है जो देश के लाखों किसानों एवं व्यापारी वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा।

रास के संस्थापक निदेशक विनीत चौपडा, बनवारी लाल अग्रवाल, राकेश आटोलिया, जोधपुर जीरा मंडी के अध्यक्ष पुरूषोत्तम मूंदडा, पीसीके महेश्वरन, श्याम सुंदर जाजू, लाडेश गोलछा व महावीर गुप्ता ने बताया कि देशभर में किसानो की उपज की सुरक्षा व संरक्षण के लिये केंद्रीय बजट में विकेन्द्रीकरण द्वारा विभिन्न राज्यों में छोटे-छोटे वेयरहाउस स्थापित करने के लिये योजना बनाने की बात कही गई है, जिससे किसानों की पैदावार बेमौसम होने वाली ओलावृष्टि या बरसात से खराब नहीं होगी। बजट में किसान कल्याण के साथ ही एग्रीकल्चर एजुकेशन व रिसर्च पर 1.25 करोड़ रू खर्च करने का भी प्रस्ताव है। जिससे भारतीय खेती में नई तकनीक का प्रवेश होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलकर राजस्थान के मसाला उत्पादक किसानों, व्यवसासियों एवं निर्यात संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु कुछ सुझाव दिये थे। बिरला ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से इन बिंदुओं पर चर्चा करने का आश्वासन भी दिया था।

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