नारी शक्ति वंदन अधिनियम: महिला आरक्षण बिल हुआ लोकसभा में पास, अमित शाह बोले महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि भाजपा की कार्य संस्कृति है

लोकसभा ने संविधान के 128वें संशोधन विधेयक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को बुधवार 20 सितंबर को मंजूरी दे दी है। इसमें महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधान सभाओं की कुल सीटों में से एक तिहाई आरक्षित करने का प्रावधान है। इस विधेयक पर मत विभाजन के दौरान 454 सांसदों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया जबकि दो सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया।
इससे पहले लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा हुई। संविधान (128वां) संशोधन विधेयक-2023 मंगलवार को नये संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही के पहले दिन पेश किया गया था। प्रस्तावित कानून को नारी शक्ति वंदन अधिनियम कहा जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के साथ महिलाओं के नेतृत्व में विकास की शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से नीति-निर्माण में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी। अमित शाह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण कई दलों के लिए राजनीतिक मुद्दा हो सकता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए यह राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि उसकी कार्य संस्कृति है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस सरकार के गठन के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया गया है।
जन धन खाते का उदाहरण देते हुए अमित शाह ने कहा कि 70 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बनाये गये हैं जो महिलाओं के सशक्तिकरण को दिखाता है। महिलाओं के लिए तीन करोड़ मकान बनाये गये और 12 करोड़ घरों को नल से जल की सुविधा से जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत तीन करोड़ महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
इस विधेयक को पेश करते हुए केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं के लिए समानता के अवसर बढ़ेंगे। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार ने देश में सामाजिक और आर्थिक असमानताएं दूर करने के लिए अनेक उपाय किये हैं।
चर्चा की शुरूआत के दौरान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय नारी का धैर्य समुद्र के समान है और वह नदी की तरह सबके कल्याण के लिए काम करती है। सरोजिनी नायडू, अरुणा आसफ अली, राजकुमारी अमृत कौर जैसी महान विभूतियों के योगदान की याद दिलाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि महिलाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन और आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सोनिया गांधी ने मांग की, कि जाति-जनगणना कराकर तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के उप कोटे के साथ महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक को देरी से लागू करना भारतीय महिलाओं के प्रति अन्याय होगा। सरकार को इस विधेयक के प्रभावकारी कार्यान्वयन के मार्ग में आने वाली सभी रुकावटें दूर करनी चाहिए।
डीएमके की कनीमोझी करूणानिधि ने भी विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक भारतीय जनता पार्टी का चुनावी वादा है लेकिन इस विधेयक को लाने और पारित कराने के लिए कई नेताओं को उनसे आग्रह करना पड़ा।
भाजपा के डॉक्टर निशिकांत दुबे ने कहा कि विधेयक के प्रावधान निश्चित तौर पर लागू होंगे। कांग्रेस पार्टी के आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जनगणना और परिसीमन कराया जायेगा तथा उसके अनुरूप महिलाओं को आरक्षण दिया जायेगा। केन्द्रीय मंत्री और अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14 प्रतिशत और राज्यसभा में 11 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढाने के लिए यह विधेयक महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा के जगदम्बिका पाल ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि नीति निर्माण और प्रशासन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढेगा।
वाई एस आर कांग्रेस, बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ए आई एम आई एम तथा अन्य दलों के सदस्यों ने भी विधेयक पर अपने विचार रखे। तो वहीं केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस विधेयक से महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी।