बदलेगी दिव्यांगजनों की ज़िंदगी, व्यापक पुनर्वास सेवाएं दिलाने के लिए मंत्री वीरेंद्र कुमार ने किया अहमदाबाद में सीआरसी के नए भवन का उद्दघाटन

जीवन में हमारा उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के बीच अपनी क्षमताओं को प्रकट करने के लिए उन्हें ‘संकल्प से सिद्धि तक’ का अवसर प्रदान करने का प्रयास होना चाहिए। सीआरसी, अहमदाबाद दिव्यांगजनों के लिए पुनर्वास की गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने और उन तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हमारा मंत्रालय देश के प्रत्येक दिव्यांगजन तक पहुंचने के लिए तत्पर है।

उपरोक्त विचार केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अहमदाबाद में,समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) के नये भवन का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारीता राज्य मंत्री ए. नारायणस्वामी, कच्छ (गुजरात) के संसद सदस्य विनोद चावड़ा और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल भी उपस्थित थे ।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए डॉ. वीरेंद्र कुमार ने प्रत्येक नागरिक के पूर्ण समावेशन और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने प्रौद्योगिकी के माध्यम से दिव्यांगजनों की शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, सीआरसी-अहमदाबाद ने गुजरात राज्य में दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए जनशक्ति की मांग को पूरा करने के लिए विशेष शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के क्षेत्र में पुनर्वास प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी शुरू किया है।

इस अवसर पर ए. नारायणस्वामी ने जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांगजनों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया, चाहे वह दिव्यांगजनों के लिए पहुंच, शिक्षा, रोजगार के अवसर और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लागू करना हो। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य उन शारीरिक और सामाजिक बाधाओं को दूर करना है जो जीवन के विभिन्न पहलूओं में उनकी भागीदारी में बाधा बनती हैं। हमारा दृष्टिकोण सभी सार्वजनिक स्थानों, परिवहन और बुनियादी ढांचे को दिव्यांग लोगों के लिए सुगम्य बनाना है। हम उनकी स्वतंत्रता और गतिशीलता को बढ़ाने के लिए सुलभ प्रौद्योगिकी और संसाधनों में निवेश कर रहे हैं।

उधर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि विभाग दिव्यांगजनों को कार्यबल में आगे बढ़ने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। समावेशी नियुक्ति प्रथाओं को प्रोत्साहित करने और कार्यबल में उचित स्थान की पेशकश करने से वे देश की अर्थव्यवस्था में अपनी प्रतिभा और कौशल का योगदान करने में सक्षम होंगे।

सचिव ने यह भी कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य देश के हर राज्य में सीआरसी को चालू करना और आने वाले वित्तीय वर्ष में 100 एलिम्को केंद्र बनाना है। अन्य गतिविधियों के अलावा, केंद्र वयोश्री योजना लागू करेगा। सभी सीआरसी सभी दिव्यांगजनों के बीच रोजगार योग्यता कौशल प्रदान करने के लिए कौशल विकास के संदर्भ में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।

विभाग बेरोजगार दिव्यांग व्यक्तियों को एन.एफ.एच.डी.सी. के माध्यम से ऋण के लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित करेगा। सरकार उच्च शिक्षा में प्रवेश के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दिव्यांग युवाओं को कोचिंग प्रदान करने पर भी विचार कर रही है।

दिव्यांगजनों के लिए भवन में विभिन्न सुविधाएं

सीआरसी-अहमदाबाद के नए भवन में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रैंप, लिफ्ट, ब्रेल सुविधाएं और सुगम्य शौचालय के साथ बाधा मुक्त वातावरण है। इमारत में 3352.05 वर्ग मीटर के कुल कालीन क्षेत्र के साथ 44 कमरे, सम्मेलन कक्ष, बहुउद्देशीय हॉल के साथ-साथ पी एंड ओ कार्यशाला, फिजियोथेरेपी और व्यावसायिक थेरेपी इकाइयों की सुविधाओं के साथ प्रत्येक विभाग के लिए विशाल ग्राहक प्रतीक्षा क्षेत्र है।

दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य लिफ्ट और रेलिंग के साथ रैंप जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन में विशेष ध्यान रखा गया है। इस भवन की स्थापना सभी प्रकार की दिव्यांगताओं के लिए व्यापक पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने की दृष्टि से की गई है। दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण से उनके परिवारों में आत्मविश्वास पैदा हुआ है, जिससे एक आत्मनिर्भर समाज का और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो रहा है ।

 

 

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