मेघालय को मिला सड़क से लेकर मोबाइल टॉवर: मोदी

भारत में एक समय ऐसा था जब पूर्वोत्तर के विकास का अर्थ सिर्फ बजट, टेंडर , शिलान्यास और उद्घाटन करने तक सीमित हुआ करता था। अब विकास के इस दृष्टिकोण में बदलाव हुआ है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर को पूर्वोत्तर के विकास को गति देने वाली 6,800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलॉन्ग और अगरतला में उद्घाटन और शिलान्यास किया है। अब केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के विकास में आने वाली रुकावटों को रेड कार्ड दिखा रही है। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर को आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का भी मध्यबिंदु बनाना चाहती है। सरकार इस उद्देश्य से ‘लुक ईस्ट’ नीति से ‘एक्ट ईस्ट’ पर आई, अब उससे आगे निकलकर इसकी नीति ‘एक्ट फास्ट फॉर नॉर्थ ईस्ट’ और ‘एक्ट फर्स्ट फॉर नॉर्थ ईस्ट’ हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलॉन्ग में पूर्वोत्तर परिषद की बैठक में भी हिस्सा लिया जहां उन्हें कहा कि इस क्षेत्र में पूर्वोत्तर परिषद ने सराहनीय योगदान दिया है। इस क्षेत्र में कई शांति और अंतरराज्जीय सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसके बाद से उग्रवाद की घटनाओं में भी कमी आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर के 8 राज्यों को फिर अष्ट लक्ष्मी के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि सरकार को इसके विकास के लिए 8 आधार स्तंभों, शांति, बिजली, पर्यटन, 5जी कनेक्टिविटी, संस्कृति, प्रकृति की खेती, खेल और क्षमता विकास पर काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बैठक में जोर देकर कहा कि सरकार पूर्वोत्तर को न केवल आर्थिक विकास का बल्कि सांस्कृतिक विकास का भी केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिपुरा के अगरतला और मेघालय के शिलांग में 6,800 करोड़ रूपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण कर चुके है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्पोर्ट्स को लेकर भी केंद्र सरकार नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ी है जिसका लाभ नॉर्थ ईस्ट को हुआ है। बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप का निर्माण हो रहा है। केंद्र सरकार सीमा क्षेत्रों पर बसे वीरान गावों को वाइब्रेंट बनाने में जुटी है। केंद्र सरकार के प्रयासों से पूर्वोत्तर में विकास के कॉरिडोर बन रहे है।

मेघालय को मिला सड़क से लेकर मोबाइल टॉवर

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग को 2,450 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं दी है। पिछले 8 वर्षों में मेघालय में नेशनल हाईवे के निर्माण पर 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2014 के पहले 20 वर्षों में मेघालय में जितनी ग्रामीण सड़कें बनीं थी, उसके मुकाबले पिछले 8 वर्षों में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 7 गुना ज्यादा सड़कें बनी हैं। बीते वर्षों में मेघालय में 2 लाख घरों तक पहली बार बिजली पहुंची है। मेघालय में गरीबों के लिए करीब 70 हजार घर स्वीकृत किए गए हैं।

 

Related Articles

Back to top button