पालिका के निर्वाचित सदस्यों के विफल होने का अभिप्राय

मदाबाद । मोरबी नगरपालिका के सभी अधिकार छीनने (सुपरसीड) के मामले में राज्य सरकार ने नगरपालिका प्रमुख को नोटिस जारी किया है। इसमें पालिका को क्यों नहीं सुपरसीड कर दिया जाए, इस संबंध में 25 जनवरी तक जवाब मांगा गया है। इसके कारण मोरबी नगरपालिका की शीघ्र ही सामान्य सभा होने की संभावना है।

पिछले साल 30 अक्टूबर को मोरबी झूलता पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका दर्ज करते हुए सुनवाई शुरू की थी। हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए राज्य सरकार ने मोरबी नगर पालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला को निलंबित कर दिया था। बाद में क्षेत्रीय आयुक्त कार्यालय ने राज्य सरकार को मोरबी नगर पालिका को सुपरसीड करने संबंधी प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद बुधवार को राज्य सरकार ने नगर पालिका प्रमुख को नोटिस भेजते हुए पूछा है कि पालिका को क्यों नहीं सुपरसीड कर दिया जाए। जानकारी के अनुसार नगर पालिका की साधारण सभा में इस संबंध में चर्चा के बाद 25 जनवरी तक जवाब पेश किया जाएगा।

पार्षदों ने जताया था विरोध

इससे पूर्व दिसंबर में मोरबी नगरपालिका के 52 निर्वाचित सदस्यों में से 47 सदस्यों ने मोरबी नगर पालिका को सुपरसीड करने का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इन सभी ने मुख्यमंत्री को बताया था कि ओरेवा समूह को मरम्मत का ठेका देने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। यह नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के अध्यक्ष का फैसला था।

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