Manoj Muntashir: ‘नारायण मिल जाएगा’ गीत से क्या अब लौटेंगे मनोज मुंतशिर के अच्छे दिन, बोले ‘आदिपुरुष’ एक भूल थी, आगे से ध्यान रखूँगा’

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

पिछले कुछ समय से ज़ुबिन नौटियाल (Jubin Nautiyal) का गाया एक वीडियो सॉन्ग मन- मस्तिक में गूंज रहा है। इस भजन गीत को ज़ुबिन (Jubin Nautiyal) ने तो बेहद खूबसूरत गाया ही है। साथ ही गीत के शब्द इतने धारदार हैं कि दिल के तारों को सीधे नारायण से जोड़ देते हैं। आपमें से बहुत से लोगों ने इसे सुना होगा। जिसका मुखड़ा है-‘’प्रेम प्रभु का बरस रहा है, पी ले अमृत प्यासे, सातों तीरथ तेरे अंदर, बाहर किसे तलाशे, कण कण में हरि, क्षण क्षण में हरि, मन की आँखें तूने खोलीं, तो ही दर्शन पाएगा, पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा (Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega)।‘’

हालांकि ‘पता नहीं किस रूप में नारायण मिल जाएगा’ पंक्ति पर एक और भजन भी बरसों से प्रचलित है। जिसे अनूप जलोटा (Anup Jalota) जैसे दिग्गज सहित कई और लोग भी गा चुके हैं। लेकिन ज़ुबिन (Jubin Nautiyal) के गाये इस नए भजन में पहली पंक्ति को छोड़कर बाकी सभी कुछ अलग है। इस भजन का संगीत पायल देव (Payal Dev) ने और निर्माण भूषण कुमार (Bhushan Kumar) की कंपनी टी-सीरीज (T-Series) ने किया है।

इस भजन में शब्द, स्वर और संगीत का अद्धभुत संगम कण कण को झकझोर सा देता है। इस गीत को लिखा है मनोज मुंतशिर शुक्ला (Manoj Muntashir Shukla) ने। मनोज एक गज़ब के गीतकार के रूप में अपनी अनुपम प्रतिभा की पहचान पहले भी कई बार दे चुके हैं। लेकिन पिछले वर्ष आई फिल्म ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) के पटकथाकार के रूप में उन्होंने जो अर्थ का अनर्थ किया वह भी किसी से छिपा नहीं है। पर अब उनका लिखा यह अति सुंदर गीत सुना तो उन्हें बधाई दिये बिना नहीं रह सका।

मैंने मनोज (Manoj Muntashir Shukla) को बधाई देते हुए साफ कहा- ‘’मनोज यूं आपसे ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) के बाद से खफा चल रहा था। इसलिए चैनल्स डिबेट्स और अपने लेखन में आपको जमकर कोसा भी। लेकिन आपका जब से –‘नारायण मिल जाएगा’(Narayan Mil Jayega) गीत सुना है, मंत्र मुग्ध हूँ। आपने और ज़ुबिन (Jubin Nautiyal) ने यह अमर गीत दे दिया है। मेरी कोटि कोटि बधाई और शुभकामनायें।‘’ इस पर मनोज (Manoj Muntashir) का जवाब था- ‘’प्रदीप जी आपको गीत पसंद आया, आभार। ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) एक भूल थी, आगे से ध्यान रखूँगा।‘’

मनोज (Manoj Muntashir Shukla) की इस बात ने मुझे प्रभावित किया कि उन्होंने अपनी भूल स्वीकार की। वैसे भी कहावत है ना कि सुबह का भूला शाम को घर आ जाये तो उसे भूला नहीं कहते।

सच कहा जाये तो ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) मनोज (Manoj Muntashir) का ही अपराध नहीं थी। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक मनोज से ज्यादा कसूरवार थे। लेकिन मनोज (Manoj Muntashir Shukla) की गलती यह हो गयी कि विवाद होने पर वह स्वयं फिल्म के बचाव में उतर आए। जबकि निर्माता-निर्देशक पर्दे के पीछे छिपे रहे। जिससे फिल्म का सारा ठीकरा मनोज (Manoj Muntashir) के सिर फूटा। इसीलिए फिल्म ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) में भगवान राम पर लिखे मनोज (Manoj Muntashir Shukla) के अविस्मरणीय गीतों को भी अनदेखा कर दिया गया।

लेकिन अब लगता है मनोज (Manoj Muntashir) अपनी गलतियों से सबक लेते हुए, अपने नए काम से धीरे धीरे अपने पुराने सुनहरे दौर में पहुँच जाएँगे। उनके इसी ‘नारायण गीत’ (Narayan Mil Jayega) की पंक्तियाँ हैं- ‘’यदि कर्म तेरे पावन हैं सभी, डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी, तेरे बांह पकड़ने को वो भेष बदल कर आएगा, पता नहीं किस रूप में नारायण मिल जाएगा।‘’

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