खरगे ने राज्यसभा में उठाया अनुसूचित जाति के लोगों का मुद्दा

संसद का बजट सत्र शुरू से ही मुख्य रूप से अडानी-हिंडनबर्ग विवाद की वजह से हंगामेदार रहा है। आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। उनका संबोधन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने के एक दिन बाद आएगा। राहुल ने चर्चा के दौरान अडानी के उत्थान के लिए केंद्र पर सवाल उठाया था। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने कहा कि एक प्रसिद्ध व्यक्ति जिसका नाम ‘ए’ से शुरू होता है और ‘आई’ के साथ समाप्त होता है, जिसमें क्रोनी कैपिटलिज्म की बू आती है, उसने सभी को ठगा है। विपक्ष अडानी समूह पर हिंडनबर्ग फर्म द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग कर रहा है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कई सासंद-मंत्री सिर्फ हिंदू मुस्लिम करते हैं, क्या बात करने के लिए कोई और मुद्दा नहीं है। दूसरी तरफ कोई अनुसूचित जाति के लोग मंदिर जाते हैं तो उन्हें मारते हैं, उनकी सुनवाई नहीं होती है। अनुसूचित जाति को तो हम हिंदू समझते हैं ना तब उन्हें मंदिर जाने से क्यों रोकते हैं अगर समझते हैं तो उन्हें बराबरी का स्थान क्यों नहीं देते।कई मंत्री दिखावे के लिए उनके घर जाकर खाना खाते हैं और तस्वीर खींचवा कर बताते हैं कि हमने उनके घर खाना खाया।

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने दलितों को मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ सांसद सिर्फ धर्म की बात करते हैं। धर्म-जाति के नाम पर नफरत की बात करना ठीक नहीं है। दलितों का सियासी इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। अनुसूचित जाति को तो हम हिंदू समझते हैं ना तब उन्हें मंदिर जाने से क्यों रोकते हैं अगर समझते हैं तो उन्हें बराबरी का स्थान क्यों नहीं देते।

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