कैसी है आपके दिल की सेहत

हमें अपने ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल व रक्त में वसा की नियमित जांच कराते रहना चाहिए।

नई दिल्ली, भाषणा बांसल। कुछ वर्ष पूर्व तक पचास वर्ष की आयु व्यतीत करने के बाद ही हृदय रोगों की संभावना पायी जाती थी और हार्टअटैक भी ज्यादातर बुजुर्ग व्यक्तियों में ही होता था परंतु आज ऐसा नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में लगभग सात करोड़ व्यक्ति हृदय रोगों से पीड़ित हैं जिनमें पुरूष, महिलाएं व बच्चे शामिल हैं और करीब पचास लाख व्यक्ति प्रत्येक वर्ष हृदय रोग के कारण मौत के शिकार हो जाते हैं।

इनमें से अट्ठाईस प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र पैंसठ वर्ष से कम है। पचास प्रतिशत व्यक्तियों को अचानक ही दिल का दौरा पड़ता है। उन्हें इससे पहले कभी इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। साठ प्रतिशत लोगों को दिल के पचास प्रतिशत काम बंद कर देने से ही हार्टअटैक हो जाता है। सत्तर प्रतिशत लोगों की धमनी काम करना बंद कर देती है परंतु उन्हें इसके लक्षण दिखाई नहीं देते।

डॉक्टरों के अनुसार हृदयरोग से बचने हेतु हमें अपने ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल व रक्त में वसा की नियमित जांच कराते रहना चाहिए। यदि आपका रक्तचाप 130/80 से कम है तो इसका अर्थ है आपको हृदयरोग होने की बहुत कम संभावना है। एलडीएल यानी बुरा कोलेस्ट्रॉल 100 मि. ग्रा. से कम होना चाहिए व एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल पुरूषों में 45 से ज्यादा व महिलाओं में 55 से ज्यादा होना चाहिए। ग्लूकोस की मात्रा 100 मि. ग्रा. से कम हो तथा ट्रिग्लिसराइड्स का स्तर 140 मि. ग्रा. से कम होना चाहिए।
इसके अलावा जिन लोगों को हृदय रोग होने की संभावना हो, उन्हें धूम्रपान का त्याग कर देना चाहिए  व उच्च रेशे युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए। सब्जियों व फलों को अपने रोजाना के भोजन में सम्मिलित करें तथा वसारहित उत्पादों, मछली, दालें, असंतृप्त तेल, जैसे-सूर्यमुखी का तेल, जैतून का तेल सरसों का तेल इत्यादि का सेवन करना चाहिए। साथ ही मटर, सेम की फली इत्यादि का सेवन भी दिल के लिए उपयुक्त हैं।
प्रतिदिन 30 से 40 मिनट व्यायाम दिल को तंदुरूस्त बनाए रखने के लिए आवश्यक है। एरोबिक व्यायाम जैसे तेज चलना तथा योगा भी करें। अपने वजन को नियंत्रित रखें क्योंकि अतिरिक्त वजन होने से दिल बड़ी मुश्किल से शरीर को रक्त की सप्लाई कर पाता है। (स्वास्थ्य दर्पण)

 

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