G20 Summit 2023: शुरु हुआ जी20 शिखर सम्मेलन, पीएम मोदी बोले विश्व के लिए साथ मिलकर चलने का समय
जी-20 के नेताओं का 18वां शिखर सम्मेलन का आज शनिवार 9 सितंबर को नई दिल्ली में शुरू हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित शिखर सम्मेलन में अमरीकी राष्ट्रपति जो. बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ सहित सम्मेलन में भाग लेने आए विश्व नेताओं का स्वागत किया।
सम्मेलन के पहले सत्र – एक पृथ्वी में अपने उद्घाटन संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह विश्व के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण समय है। उन्होंने कहा कि कोविड काल के बाद दुनिया विश्वास की कमी के संकट से जूझ रही है और भविष्य में यह संकट और गहराएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया ऐसे समय में जी रही है जब सदियों पुरानी समस्याएं समाधान ढूंढ रही हैं और ऐसे समय में हमें अपने दायित्वों को मानव केंद्रीत दृष्टिकोण के साथ निभाना होगा। जब हम कोविड को हरा सकते हैं, तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा आज G-20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है, कि हम मिलकर सबसे पहले इस Global Trust Deficit को एक विश्वास, एक भरोसे में बदलें। यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है।
उन्होंने सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने मोरक्को में आए भूकंप में लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। श्री मोदी ने कहा कि भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
शिखर सम्मेलन के पहले दिन दो सत्र होंगे जिनके विषय हैं – एक पृथ्वी और एक परिवार। ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और इटली समेत कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें होने की भी उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दोपहर भोज की मेजबानी करेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सम्मेलन में आए विदेशी प्रतिनिधियों के लिए रात्रि भोज आयोजित करेंगी।
राष्ट्रपति मुर्मु ने जी-20 देशों, आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का स्वागत किया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता का सूत्र वाक्य है – वसुधैव कुटुम्बकम – एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य और यही सतत, समावेशी और मानव केंद्रित विकास का मूल मंत्र है। उन्होंने सम्मेलन के प्रतिभागियों को इस लक्ष्य को पाने में उनके प्रयासों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।