Delhi Liquor Scam: अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार का क़ुतुब मीनार बनाया है, अब अंदर से डरे हुए हैं, भाजपा ने आरोप लगाते हुए पूछे 5 सवाल

भारतीय जनता पार्टी ने कथित दिल्‍ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना की है। सीबीआई ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल को कल पूछताछ के लिए बुलाया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्‍ता गौरव भाटिया ने नई दिल्‍ली में कहा अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के किंगपिन हैं। ईमानदारी और सुशासन का चार मीनार बनाने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार का क़ुतुब मीनार बनाया है।

गौरव भाटिया ने आगे कहा “ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे ही अरविंद केजरीवाल को सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया, वैसे ही वे थरथर कांपने लग गए हैं। जैसे-जैसे जुड़ रही हैं कड़ियां, वैसे-वैसे अरविंद केजरीवाल के पास आ रही है हथकड़ियांदूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रिमंडल के पूर्व सदस्य और दिल्ली के पूर्व शराब मंत्री मनीष सिसोदिया को कट्टर ईमानदार बताते फिरते हैं, जो शराब घोटाले मामले में आज भी जेल की सलाखों के पीछे हैं और उन्हें जमानत तक नहीं मिल पा रही है। पापी “आप” भ्रष्टाचार में पूर्णरूप से संलिप्त है।”

भारतीय जनता पार्टी ने शराब घोटाले पर अरविंद केजरीवाल से 5 सवाल

 

  • पहल सवाल – “जिस बैठक में शराब घोटाला की रूपरेखा तैयार हुई थी, उस बैठक की अध्यक्षता बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कर रहे थे। क्या यह सही नहीं है कि शराब नीति बनाने के लिए 5 फरवरी 2021 मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (जीओएम) का गठन किया?”

  • दूसरा सवाल – “शराब घोटाले के आरोपी विजय नायर आम आदमी पार्टी का नेता है। जांच एजेंसियों की जांच में ये बातें सामने आयी हैं कि शराब घोटाले के एक आरोपी समीर महेन्द्रू ने विजय नायर के माध्यम से मुख्यमंत्री केजरीवाल से फेसटाईम कॉल पर बातचीत की। उस बातचीत में केजरीवाल ने बोला कि विजय नायर मेरा ही बच्चा है। भ्रष्टाचार करने में पूरी तरह सच्चा है। इसका पूरा सहयोग करें। केजरीवाल बताएं कि क्या फेसटाईम पर समीर महेन्द्रू से बातचीत हुई थी या नहीं ?”

 

  • तीसरा सवाल – “अरविंद केजरीवाल का शराब घोटालेबाजों से रिश्ता क्या है? शराब माफिया दिल्ली सरकार की नई शराब नीति बनाते हैं। दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव केहवाले से एक प्रतिष्ठित दैनिक अखबार में यह खबर प्रकाशित हुई कि निजी कारोबारियों को शराब बिक्री का होलसेल करने की जिम्मेदारी देने और शराब बिक्री पर लगने वाले कमीशन को बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के बारे में जीएओएम की बैठक में कोई विचार विमर्श नहीं किए गए। मार्च 2021 को जीओएम ने अपनी रिपोर्ट दी थी और मनीष सिसोदिया ने अपने सचिव को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया था। तो क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही शराब घोटाला करा रहे थे? प्रतीत तो ऐसा ही होता है कि शराब घोटाले के रचयिता अरविंद केजरीवाल ही हैं।”

 

  • चौथा सवाल – “अरविंद केजरीवाल ने नई शराब नीति के बारे में कहा था कि यह बहुत अच्छी नीति है और इससे बहुत फायदा होगा। तो क्या इसका मतलब था कि शराब घोटाले से भ्रष्टाचारी “आप” को बहुत फायदा होगा? आखिर क्यों केजरीवाल सरकार ने तथाकथित ‘बहुत अच्छी’ नई शराब नीति को वापस लिया?”

 

  • पांचवा सवाल – “25 अक्टूबर 2021 को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा इंडोस्प्रीट को दिए गए एक नोटिस में कहा गया कि इंडोस्प्रीट के खिलाफ शिकायत आयी है कि उनकी कंपनी ब्लैक लिस्टेड कंपनी है और शराब कॉर्टेल चला रही है। केजरीवाल सरकार द्वारा सात दिनों के भीतर जवाब की मांग की गयी थी। इस कंपनी के मालिक समीर महेन्द्रू वही व्यक्ति हैं जिनसे विजय नायर ने केजरीवाल से बात करायी थी। अरविंद केजरीवाल बताएं कि इंडोस्प्रीट कंपनी ने सात दिनों में क्या जवाब दिया? पिछले डेढ़ साल में इंडोस्प्रीट कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी?”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल सत्ता में आने से पहले आंदोलन चला रहे थे और कहा करते थे कि मुझे अपने परिवार की कसम है कि मैं राजनीति में नहीं आऊंगा, लेकिन राजनीति में आ गए। इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि कसम मुझे अपने बच्चों की, कि मैं कांग्रेस से समर्थन नहीं लूंगा। लेकिन सत्ता में आने के लिए कांग्रेस का समर्थन भी लिया। केजरीवल ट्वीट कर कहते थे कि किसी पर आरोप लगे तो तुरंत इस्तीफा दे दो। भाजपा को उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल की याद्दाश्त मजबूत होगी।

गौरव भाटिया ने अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि यदि केजरीवाल को किसी बात का डर नहीं, तो दूध का दूध और शराब का शराब हो जाने दीजिए। एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मीडिया में आकर सिर्फ इधर उधर की बातें कर रहे हैं? भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल द्वारा दिए बयान के अनुसार एक पॉलिग्राफ टेस्ट (लाई डिटेक्टर टेस्ट) करा लीजिए, सब कुछ सामने आ जाएगा। सच्चाई यह है कि केजरीवाल ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि वे अंदर से डरे हुए हैं।

 

 

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