अमृत सरोवर को विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी

रुद्रप्रयाग: दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ क्षेत्रीय जनता को उपलब्ध कराने के लिए तथा संचालित योजनाओं का धरातल पर वास्तविक स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार द्वारा आज विकास खंड ऊखीमठ के दूरस्थ क्षेत्रों में संचालित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर योजनाओं की जानकारी प्राप्त की।
निरीक्षण के दौरान मुख्स विकास अधिकारी द्वारा विकास खंड ऊखीमठ में राउंलैक पौंडार में मनरेगा के तहत बनाए जा रहे अमृत सरोवर का स्थलीय निरीक्षण कर वहां सरोवर को पर्यटन की दृष्टि से और अधिक विकसित करने के लिए संबंधित विभागों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

ग्राम प्रधान राउंलेक कमलेंद्र सिंह नेगी ने मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया है कि अमृत सरोवर को और अधिक विकसित करने के लिए इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से इसे विकसित किया जा सकता है जिसके लिए उन्होंने पहुँच मार्ग तैयार करने, व्यू प्वांईट, फूलवाले तैयार करने एवं बैठने के लिए ब्रेंच व्यवस्था बनाए जाने की अपेक्षा की गई मुख्य विकस अधिकारी ने उन्हें आश्वस्त किया कि पर्यटन विभाग, उद्यान, मत्स्य एवं मनरेगा के तहत अमृत सरोवर को विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मनसूना में एन आर एल एम के तहत महिलाओं द्वारा रिंगाल से तैयार किए जा रहे प्रोडक्टों का भी जायजा लिया जिसमें तीन महिला समूहों द्वारा कार्य किया जा रहा है जिसमें मधुगंगा, सिंगलांग, शेषनाग द्वारा रिंगाल के विभिन्न तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं जिसके लिए मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो उन्हें जिला प्रशासन द्वारा उन्हें पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। मधुगंगा समूह के मास्टर ट्रेनर प्रेम लाल ने मुख्य विकास अधिकारी से वर्क शेड बनाने की मांग की गई जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने नि शुल्क भूमि का प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा। उन्होने यह भी आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा तैयार प्रोडक्टों का सरस केंद्र एवं हिलांस के माध्यम से बिक्री करने का भी प्रयास किया जाएगा।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा डेयरी विकास विभाग द्वारा मनसूना कुंजरपुरी में दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का भी जायजा लिया तथा एनसीडीसी, एमएसवाई एवं बछिया पालन के तहत चयनित लाभार्थियों से भी दुग्ध उत्पादन के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। पशुपालकों द्वारा अवगत कराया गया है कि पशुओं के लिए साइलेज की मांग रखी गई तथा पशुओं का एआई कराने के लिए डॉक्टर उपलब्ध कराने की मांग की गई जिस पर उन्होंने कहा कि यदि कोई एआई के संबंध में कोई भी व्यक्ति जो इंटर उत्तीर्ण हो तो उसके संबंध में लिखित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा ताकि उन्हें नि शुल्क ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जा सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा एनसीडीसी के चयनित लाभार्थियों को पशुपालन हेतु स्वीकृति पत्र उपलब्ध कराए गए।

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बष्टी गाँव में प्रगतिशील किसान बलवीर सिंह एवं अन्य द्वारा मत्स्य पालन एवं उद्यानीकरण में किए जा रहे कार्यों का भी स्थलीय निरीक्षण किया जिसमें बलवीर सिंह द्वारा बेहतर ढंग से मत्स्य पालन व उद्यानीकरण का कार्य किया जा रहा है तथा उद्यानीकरण के क्षेत्र में 10 नाली भूमि में 700 पौधे सेब के लगाए गए हैं एवं 500 पौधे इस वर्ष भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि गहड़ बष्टी में 40 नाली में भूमि पर पिछले 3 वर्षों से उद्यानीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रगतिशील किसानों को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है ताकि उनकी आजीविका में वृद्धि हो सके तथा क्षेत्र से पलायन पर रोक भी लगाई जा सके इसके लिए मत्स्त्य विभाग द्वारा मत्स्य पालन के तहत क्षेत्र में क्लस्टर तैयार करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक केके पंत, उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी, दुग्ध निरीक्षक श्रवण कुमार शर्मा, ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक संजय बुटोला, खंड विकास अधिकारी दिनेश मैठाणी, ग्राम विकास अधिकारी महेश बुरियाल, डॉ. आशुतोष, मनोज सेमवाल, शिव सिंह नेगी, अभिषेक सहित संबंधित लाभार्थी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण मौजूद रहे।

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