कस्टम मिलिंग के लिए 91 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव

रायपुर । धान खरीद के अंतिम तिथि के पश्चात् अब कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स द्वारा तेजी के साथ धान का उठाव शुरू कर दिया गया है।

पिछले वर्ष की तर्ज पर इस वर्ष भी धान खरीद के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव शुरू किया गया था, जिसके चलते राज्य सरकार को परिवहन व्यय में काफी कमी आयी है। इसके साथ ही धान खरीद के बाद धान उठाव की लंबी प्रक्रिया से भी निजात मिली है। राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष 23 लाख 82 हजार से अधिक किसानों से 31 जनवरी 2023 तक 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। किसानों को धान खरीद के एवज में भुगतान हेतु बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत मार्कफेड द्वारा अपैक्स बैंक को 22 हजार 67 करोड़ रुपये जारी किया गया है। अब तक कुल धान खरीद 107.53 लाख मीट्रिक टन में से कस्टम मिलिंग के लिए 97 लाख 20 हजार मीट्रिक टन धान उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 91 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव कर लिया गया है।

खाद्य सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि राज्य में बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीद के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए खरीद केन्द्रों से मिलर्स द्वारा सीधे धान का उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई, जिसके चलते अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि धान खरीद के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान के उठाव की व्यवस्था के चलते इस साल बमुश्किल 3 लाख मेट्रिक टन धान ही संग्रहण केन्द्रों में ले जाना पड़ेगा, जबकि बीते साल लगभग 23 लाख मेट्रिक टन धान संग्रहण केन्द्रों ले जाने की जरूरत पड़ी थी। धान का उठाव की इस व्यवस्था के चलते लगभग 150-200 करोड़ रुपये की बचत होगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स को दी जानी वाली प्रोत्साहन राशि को प्रति क्विंटल के मान से 120 रुपये दिए जाने से भी कस्टम मिलिंग में तेजी आई है। इस साल 249 नये मिलर्स ने पंजीयन कराया है।

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