माता शबरी के नाम पर योगी सरकार अयोध्या में खोल रही भोजनालय, रैन बसेरे का नाम होगा निषादराज

लखनऊ। मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ ने  मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में अयोध्या में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सीएम योगी ने निर्देशित किया कि 22 जनवरी को सायंकाल हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाएगा। हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में रामज्योति प्रज्ज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा।

  • रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूरे देश और विदेशों से गणमान्य जनों का अयोध्या आगमन हो रहा है। ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर पूरी अवधपुरी की भव्य साज-सज्जा की जानी चाहिए। श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए यातायात प्रबंधन, प्रोटोकॉल के अनुरूप अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं।● आतिथ्य-सत्कार में स्वच्छता महत्वपूर्ण है। सभी को इस पर काम करना होगा। जनसहयोग लें। अतिरिक्त मैनपॉवर तैनात करें। मुख्य मार्ग हो या कि गलियां धूल न उड़े, गंदगी न हो। जगह-जगह कूड़ेदान रखे हों। वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था हो।
  • राज्य सरकार द्वारा अवधपुरी में संचालित किए जाने वाले भोजनालय/भंडारा को ‘माता शबरी’ के नाम पर स्थापित किया जाए। इसी प्रकार रैन बसेरे को ‘निषादराज गुह्य अतिथि गृह’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार अन्य भवनों का नामकरण भी रामायणकालीन चरित्रों के नाम पर किया जाएगा।
  • 22 जनवरी के बाद अयोध्या में दुनिया भर से रामभक्तों का आगमन होगा। उनकी सुविधा के लिए पूरे नगर में विभिन्न भाषाओं में साइनेज लगाए जाएं। संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं और संयुक्त राष्ट्र की 9 भाषाओं में साईनेज लगाए जाएं ।
  • प्रयागराज-अयोध्या,गोरखपुर- अयोध्या, लखनऊ-अयोध्या, वाराणसी-अयोध्या मार्ग पर स्मार्ट साइनेज लगाये जाएं। विभिन्न भाषाओं में सूचना प्रसारित हो। इन मार्गों पर अतिक्रमण कतई न हो। स्वच्छता हो। रेहड़ी-पटरी व्यवसायी न हो। क्रेन, एम्बुलेंस की उपलब्धता हो। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संबंधित जनपदों को निर्देशित किया जाए।
  • श्रद्धालुओं/पर्यटकों को अयोध्या आगमन के लिए प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी लखनऊ से वॉल्वो बसों और हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने के लिए तैयारी करें। अयोध्या में तीन हेलीपैड तैयार हैं, इनका समुचित उपयोग होना चाहिए।
  • अयोध्या की सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। प्राण प्रतिष्ठा समारोह तथा उसके बाद अयोध्या में सतत रूप से पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए। सेफ सिटी की परियोजना को बिना देरी तत्काल लागू करें। सीसी टीवी कैमरे लगवाएँ। 22 जनवरी से पहले अयोध्या की आईसीसीसी एक्टिव करें। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की हॉस्पिटैलिटी की उत्कृष्ट सुविधा होनी चाहिए।
  • अयोध्या में कहीं भी अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। नया घाट से टेढ़ी बाजार मार्ग पर दोनों ओर रेलिंग लगाएं। रेलिंग की साज-सज्जा भी की जानी चाहिए। सार्वजनिक प्रसाधन स्थलों की नियमित साफ-सफाई होनी चाहिए। फ्यूल पम्पों पर प्रसाधन कक्षों की साफ-सफाई सुनिश्चित कराएं।
  • वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद पुण्य सलिला सरयू नदी की आरती की परंपरा प्रारंभ कराई गई। इसे और व्यवस्थित और आकर्षक बनाए जाने की आवश्यकता है। अर्चकों का प्रशिक्षण भी कराया जाना चाहिए। अयोध्या का एक डिजिटल टूरिस्ट एप विकसित करें। उसमें अयोध्या में मौजूद सभी आधारभूत सुविधाओं एवं प्रमुख स्थलों की जानकारी वॉक थ्रू के माध्यम से उयलब्ध हो।
  • अयोध्या आगमन के लिए निकटतम 6 रेलवे स्टेशन हैं। परिवहन विभाग द्वारा इन स्टेशनों से समन्वय बनाते हुए यहां उतरने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं को सुविधाजनक ढंग से गंतव्य तक पहुँचाने के लिए अच्छी बसों की व्यवस्था स्थायी रूप से की जानी चाहिए।
  • अयोध्या में देश-विदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ कराई जाएं। प्रबुद्ध सम्मेलन आयोजित हो। सरयू नदी में नावों पर ‘सांस्कृतिक कला नौका यात्रा’ का आयोजन किया जाना चाहिए।
  • मकर संक्रान्ति से प्रदेश के सभी आध्यात्मिक स्थलों और मंदिरों में भजन-कीर्तन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाए। मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलन/दीप दान के साथ-साथ रामकथा प्रवचन, अनवरत रामायण / रामचरित मानस का पाठ/सुन्दरकाण्ड आदि के कार्यक्रमों का भी आयोजन हो। नगर निकायों में नगर संकीर्तनों का आयोजन किया जाये, जिसमें स्थानीय भजन / कीर्तन मण्डलियों को सम्मिलित करते हुए नगरों में राम मंदिर रथ एवं कलश यात्राओं का आयोजन हो।
  • अयोध्या के मंदिरों में 14 से 24 मार्च 2024 तक भजन कीर्तन, अनवरत रामायण / रामचरित मानस का पाठ/सुन्दरकाण्ड आदि के कार्यक्रम का भी आयोजन कराया जाना चाहिए।
  • रामायण श्रीराम जी के जीवन पर आधारित एक अद्भुत अमर कहानी है, जो हमें भक्ति, कर्तव्य, रिश्ते, धर्म और कर्म के सही मायने सिखाती है। देश-विदेश में कई कथा वाचकों द्वारा रामकथा के विभित्र प्रसंगों के माध्यम से जनमानस के मध्य श्रीराम के आदर्शों को स्थापित किया जा रहा है। ऐसे कथा वाचकों द्वारा राम की नगरी अयोध्या में प्रवचन एवं रामकथा की सरिता प्रवाहित हो।
  • भगवान श्रीराम के परंपरागत रूपों पर आधारित देश के विभिन्न प्रान्तों/विभिन्न देशों में होने वाली रामलीलाओं की प्रस्तुति कराई जाए। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हिमांचल प्रदेश उत्तराखण्ड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मूकश्मीर, लद्दाख एवं चंडीगढ़ आदि राज्यों में इसकी समृद्ध संस्कृति है। नेपाल, कम्बोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया आदि देशों की रामलीला मण्डलियों को भी आमंत्रित किया जाए।
  • अयोध्या में भजन संध्या मंच पर देश के प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा प्रभु श्रीराम पर आधारित भजनों का गायन हो। स्थानीय भजन गायकों से भी गायन कराया जाए ।

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