World Book Fair : एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला आज से शुरू,35 देशों के 1000 प्रकाशक ले रहे हैं हिस्सा, जानिए मेले की पूरी जानकारी

शहीद भगत सिंह की डायरी भी है मेले में

कृतार्थ सरदाना, विशेष संवाददाता। दो साल के लंबे इंतज़ार के बाद दिल्ली में आज से ‘विश्व पुस्तक मेला’ शुरू हो रहा है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आईटीपीओ के सहयोग से आयोजित यह 9 दिवसीय पुस्तक मेला 25 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा। पुस्तक प्रेमियों के लिए ये दिन बेहद सुखद हो सकेंगे। क्योंकि इस बार इसमें देश-विदेश के एक हज़ार प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। जिसमें दुनिया भर से 35 देश शामिल हैं।

पुस्तक मेला पूर्व वर्षों की तरह इस बार भी नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जा रहा है। लेकिन इस बरस यह उस नवनिर्मित विशाल स्थल पर है, जहां 45 हज़ार स्क्वेर मीटर में एक साथ दो हज़ार मंडप पुस्तकों के लिए सजाये गए हैं।

इस बार यह मेला बेहद खास है। एक इसलिए कि यह मेले का 50 वां वर्ष है। दूसरा यह देश की आज़ादी के अमृत महोत्सव का मौका भी है। इसीलिए मेले की थीम भी ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ रखी है। साथ ही अपने साहित्य और संस्कृति के लिए प्रसिद्द देश फ्रांस को इस बार मेले में अतिथि देश का सम्मान दिया गया है।

नयी दिल्ली के कान्स्टीट्यूशन क्लब में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो गोविंद प्रसाद शर्मा और निदेशक युवराज मलिक ने 23 फरवरी को,पुस्तक मेले को लेकर जहां एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया। वहाँ पुस्तकों के इस महाउत्सव में सभी को शामिल होने के लिए आमंत्रित भी किया।

युवराज मलिक ने बताया-‘’किताबों और साहित्य के इस सबसे बड़े उत्सव में इस साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति पवेलियन, एड-टेक जोन, युवा लेखक मंच जैसे नए आकर्षणों के साथ थीम मंडप, विदेशी मंडप, बच्चों के मंडप, लेखक मंच, संगोष्ठी हॉल तो होंगे ही। साथ ही एम्फीथिएटर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

 कौन कौन देश ले रहे हैं हिस्सा

इस बार भारत ‘जी-20’ की मेजबानी कर रहा है। इसलिए जी 20 देशों की पुस्तकें भी मेले में विशेष रूप से प्रदर्शित होंगी। मलिक बताते हैं कि फ्रांस की तो अनेक पुस्तकें मेले में होंगी ही, जी -20 देशों की पुस्तकों का एक विशेष मंडप भी मेले में रहेगा।

यूं विदेशों से लगभग 100 प्रकाशक नयी दिल्ली पुस्तक मेले में आ रहे हैं। इन देशों में रूस, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, कोरिया, इटली, चीन, इन्डोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल, स्पेन, हंगरी, मेक्सिको, इजिप्ट, श्रीलंका, ईरान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, पुर्तगाल, नाइजीरिया और तुर्की भी शामिल हैं।

देश भर के हैं कई प्रसिद्द प्रकाशक

कोरोना के कारण प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला विश्व पुस्तक मेला 2020 के बाद आयोजित नहीं हो सका था। इसलिए इस बरस देश भर से करीब 900 प्रकाशक मेले में बढ़ चढ़ कर भागीदारी कर रहे हैं। जिनमें राष्ट्रीय पुस्तक न्यास स्वयं अपने प्रकाशन से विभिन्न भाषाओं की अनेक पुस्तकें मेले में प्रदर्शित करेगा। उधर साहित्य अकादेमी,प्रकाशन विभाग,प्रभात प्रकाशन, भारतीय ज्ञानपीठ, नियोगी बुक्स, राजकमल,वाणी प्रकाशन,राजपाल एंड संस,सामयिक प्रकाशन,किताब घर, प्रलेक प्रकाशन, डायमंड बुक्स, हरियाणा अकादेमी और वाम प्रकाशन सहित बहुत से प्रकाशक अपनी पुस्तकों की बड़ी विरासत लेकर अपने अपने मंडपों में पहुँच चुके है।

देश के प्रतिष्ठित प्रभात प्रकाशन के प्रमुख प्रभात कुमार बताते हैं- ‘’पुस्तक मेले में पाठकों को जहां हमारी अनेक पुस्तकों को खरीदने का मौका मिलेगा। वहाँ हम इस बार अपनी उन 100 नई पुस्तकों को भी विशेष रूप से ला रहे हैं, जिनका प्रकाशन हमने पिछले तीन महीने में किया है। इन नयी पुस्तकों में अधिकांश देश प्रेम, देश भक्ति और जाने अंजाने स्वाधीनता सेनानियों पर केन्द्रित हैं।

उधर प्रसिद्द लेखक, संपादक और समीक्षक जय सिंह बताते हैं-‘’उम्मीद है यह पुस्तक मेला इस बार काफी अलग और बड़ा होगा। मुझे खुशी है कि मेले में इस बार मेरी यहाँ जहां पूर्व प्रकाशित दो पुस्तकें उपलब्ध होंगी वहाँ वाम प्रकाशन से मेरी एक नयी पुस्तक जीरो माइल सीरीज की ‘अलीगढ़’ भी आ रही है। जो इस शहर का एक अलग ही नज़रिये से परिचय कराती है।‘’

शहीद भगत सिंह की डायरी भी है मेले में

मेले का एक बड़ा आकर्षण शहीद भगत सिंह की डायरी भी होगी, जिसे यहाँ अमृत महोत्सव के मौके पर विशेष रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है। जो निसंदेह लोगों को एक नयी अनुभूति, नयी प्रेरणा और शक्ति देगी।

भारत में फ्रांस के दूतावास के सांस्कृतिक सलाहकार इमैनुएल लेब्रन-डेमियंस मेले में फ्रांस के अतिथि देश के रूप में भागीदारी पर कहते हैं-‘’फ्रांस नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के 50 वर्षों के उत्सव का हिस्सा बनकर बेहद प्रसन्न है। यह फ्रांस तथा भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। पुस्तक मेले में फ्रांस के अनेक चित्रकारों तथा प्रकाशकों के अतिरिक्त, फ्रांस की 82 साल की नोबल पुरस्कार विजेता एनी एरनॉक्स के नेतृत्व में 40 लोगों का एक प्रतिनिधि मण्डल भी मेले में शिरकत करेगा।‘’

भारत सरकार के शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान 25 फरवरी दोपहर 2 बजे मेले का  उद्घाटन करेंगे। साथ ही भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन, नोबल पुरस्कार लेखिका एनी एरनॉक्स, सिंडिकेट नेशनल डे लेएडिशन फ्रांस के प्रेसिडेंट वेनसौं मौंताईन भी यहाँ मौजूद रहेंगे। उधर आईटीपीओ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के प्रो गोविंद प्रसाद शर्मा और युवराज मलिक तो समारोह में रहेंगे ही।

 वरिष्ठ नागरिकों के लिए निशुल्क है मेला

मेले में प्रवेश के लिए बच्चों का 10 रुपए और बड़ो का 20 रुपए टिकट रखा गया है। लेकिन वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए यहाँ कोई टिकट नहीं है। मेले में पहुँचने के लिए प्रगति मैदान के गेट नंबर 4 और 10 से प्रवेश किया जा सकता है। स्टेशन पर मेले में जाने के लिए पहिया गाड़ी और निशुल्क शटल सेवा की विशेष व्यवस्था भी की गयी है।

सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन से तो पैदल सीधे ही मेले में पहुँचा जा सकता है।  यदि आपको पुस्तकों से प्रेम है। आप नयी–पुरानी पुस्तकों को पढ़ना-देखना और खरीदना चाहते हैं, तो इस खूबसूरत मौके को ना गँवाइए। पहुँच जाइए इन 9 दिनों में कभी भी सुबह 11 बजे से रात 8 बजे के बीच प्रगति मैदान।

 

 

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