मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सुधांशु त्रिवेदी भड़के, बोले जो भाव मुस्लिम लीग का था, वो भाव आज कांग्रेस का है

राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने रविवार को केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्र की एकता और अखंडता के विरुद्ध कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बयान को जमकर आलोचन की। डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस की घातक मानसिकता को दर्शाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बयान दिया है- “धारा 370 के हटने से देश के किसी दूसरे राज्य में क्या फर्क पड़ता है।”

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी देश को आतंकवाद, अलगाववाद एवं विभाजनकारी विचारधारा पर विराम लगाकर देश की एकता और अखंडता के प्रति संकल्पित और समर्पित है, लेकिन कांग्रेस देश को क्षेत्र, जाति, राज्य और भाषा के आधार पार बांट कर रखना चाहती है।

डॉ त्रिवेदी ने आगे कहा कि ज्यों-ज्यों लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, त्यों-त्यों कांग्रेस और विपक्ष का असली चेहरा उजागर हो रहा है। 2 दिन पहले अपने घोषण पत्र को ‘न्याय पत्र’ बताने वाली कांग्रेस ने बीते दिन एक अजीब उदाहरण प्रस्तुत किया है। राजस्थान में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि धारा 370 हटने से यहां कौन सा फ़र्क पड़ता है। यह बयान राष्ट्र की एकता और अखंडता के साथ अन्याय है और भारतीय जनता पार्टी इस बयान को बहुत गंभीर विषय मानती है।

भाजपा नेता ने कहा कि इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि राजनैतिक और व्यवहारिक रूप से अपने राष्ट्रीय दल होने का अधिकार खोती जा रही कांग्रेस पार्टी ने नैतिकता के आधार पर भी अपने राष्ट्रीय दल होने का अधिकार खो दिया। किसी भी राजनैतिक दल का यह कहना कि कश्मीर के राजनतिक एकीकरण से किसी दूसरे राज्य में क्या फ़र्क पड़ता है, इससे यह स्पष्ट होता है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता की शपथ के प्रति भी कांग्रेस की कोई श्रद्धा नहीं है।

कांग्रेस के राजनैतिक दल होने पर सवालिया निशान लगते हुए डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस अब मात्र कुछ एक राज्यों के सरकारों का समूह बनकर रह गया है, जिनके राष्ट्रीय दल होने का दावा भी खोखला है। यह बयान कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा में अंतर को भी स्पष्ट तौर पर दर्शाता है। भाजपा वह दल जिसके संस्थापक सदस्य और बंगाल की धरती के सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में जाकर भारत की एकता और अखंडता के लिए प्राण दिए थे। इसलिए भाजपा का नारा है कि “जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है।” डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संकल्प को गुजरात की धरती के सपूत और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्ण किया।

डॉ त्रिवेदी ने आगे कहा कि यह है राष्ट्रीय एकीकरण का उदाहरण, जहां पूर्वी छोर से निकल कर पार्टी का नेतृत्व करने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी धारा 370 के उन्मूलन का संकल्प लेते हैं, तो वहीं पश्चिमी क्षेत्र से निकल कर देश का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस संकल्प को पूरा करते हैं। संसद में धारा 370 को निरस्त करते समय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि “कश्मीर हमारा है और सारा का सारा है। अधिकृत कश्मीर को दोबारा प्राप्त करने के लिए जान लगा देंगे।” यही अंतर है भाजपा और कांग्रेस की सोच में।

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस को 370 की संख्या बोलने से इतना डर लगाने लगा है कि वह इसे 371 कह देते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश कहते हैं कि गलती से ज़बान फिसल गई। किन्तु यह 370 के प्रति कांग्रेस के भाव को दर्शाता है। यदि कश्मीर से किसी दूसरे राज्य फ़र्क नहीं पड़ता, तो इसका मतलब यह लोग भारत को इतना अलग करके देखते हैं। कांग्रेस ने इजरायल-हमास युद्ध पर प्रस्ताव पारित किया था। प्रियंका गांधी इस पर ट्वीट करती हैं, सोनिया गांधी समाचार पत्र में इस पर आर्टिकल लिखती हैं और केरल में हमास के समर्थन में रैली निकाली जाती है। यह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस भारत को क्षेत्र, भाषा, राज्य, जाति में तोड़कर रखना चाहती है और किन्हीं दूसरी शक्तियों को देश के पार हमास से जोड़कर रखना चाहती है। कांग्रेस का हमास के प्रति सहानुभूति रखने वालों का समर्थन करना और धारा 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ होना, उसके असली चरित्र को उजागर करता है।

धार्मिक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा करने के लिए कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तो घोषणा तक कर चुके हैं कि सत्ता में वापस आने पर धारा 370 को पुनः लागू कर देंगे। हालांकि, यह बात अलग है कि जनता उन्हें सत्ता में आने का मौका देने नहीं वाली है। लेकिन इस तरह की बयानबाजी से कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर की पार्टी होने के दर्जे पर प्रश्न खड़ा होता है। कांग्रेस अपनी ही तत्कालीन सरकार में पास हुए पीओके और पूरे कश्मीर को भारत का हिस्सा मानने वाले प्रस्ताव से अलग हो गई है और हमास के प्रति सहानुभूति रखने वालों के साथ जुड़ गयी है। कांग्रेस ने धार्मिक तुष्टीकरण के लिए ही हमास के प्रति सहानुभूति रखने वालों के कथित समर्थन में इजरायल–हमास युद्ध पर अपना प्रस्ताव पारित किया, परन्तु कांग्रेस ने किसी और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह ये कांग्रेस के वास्तविक चरित्र को दर्शाता है और ये कांग्रेस का चरित्र निर्माण केरल से होता है, क्योंकि केरल में मुस्लिम लीग कांग्रेस की प्रमुख गठबंधन पार्टी है। कांग्रेस ने इस कदर नैतिक समझौता कर लिया है कि वायनाड में राहुल गांधी के नामांकन के दौरान कांग्रेस ने अपनी पार्टी के झंडे तक नहीं लगाए, क्योंकि फिर उन्हें मुस्लिम लीग के झंडे को भी लगाना पड़ता।

कांग्रेस की विभाजनकारी सोच पर प्रहार करते हुए डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पृथकतावादी सोच पर चल रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में  भाजपा सरकार समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और कांग्रेस राष्ट्र की मुख्यधारा से अलग करना चाहती है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में स्पेशल कानून बने रहने की वकालत की है, तो क्या कांग्रेस तीन तलाक कानून को समाप्त इस कुरीति को पुनर्स्थापित करने वाली सोच रखती है? कांग्रेस वही वादे कर रही है जिनकी मांग मुस्लिम लीग ने की थी और इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप दिखाई देती है।

डॉ. त्रिवेदी ने यह भी कहा कि आज कांग्रेस उसी मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन में है, जो आजादी से पहले मोहम्मद अली जिन्ना की थी। चूंकि इस मुस्लिम लीग के संस्थापक मोहम्मद इस्माइल आजादी से पहले मोहम्मद अली जिन्ना द्वारा स्थापित की गई मुस्लिम लीग की मद्रास प्रेसिडेंसी के अध्यक्ष थे। आजादी के बाद मोहम्मद इस्माइल ने सिर्फ पार्टी का नाम बदला, लेकिन काम नहीं बदला। क्योंकि संविधान सभा का सदस्य बनने के बाद मोहम्मद इस्माइल ने मुसलमानों के लिए अलग स्थान, पहचान, नियम और क्षेत्र की मांग की थी। 28 अगस्त 1947 को हुई संविधान सभा की बैठक में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस मांग को कड़े शब्दों  में नकारते हुए कहा था कि देश का जो बंटवारा होना था वो हो गया, अब मुस्लिम लोगों को प्रतिनिधित्व की मांग को, अलग स्थान और पहचान की मांग को बंद करके देश की मुख्यधारा में जुड़ना चाहिए। अब जो भाव मुस्लिम लीग का था, वो भाव आज कांग्रेस का है और जो भाव सरदार पटेल का था, वही भाव आज भारतीय जनता पार्टी का है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भारत में विकास की नई ऊंचाईयां, हर गरीब और वंचित तक विकास की किरण और देश की सुदृढ़ आतंरिक एवं बाह्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए “एक भारत -श्रेष्ठ भारत” के विचार के साथ आगे बढ़ रही है। कांग्रेस शासन में कश्मीर के विषय पर सिर्फ सोवियत संघ भारत के साथ और पूरा विश्व खिलाफ होता था, लेकिन आज धारा 370 के विषय पर भारत के खिलाफ पूरे विश्व में कोई प्रस्ताव नहीं आया। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की क्षमता और दृढ़ता का प्रतीक है। देश की जनता यह देख रही है कि कौन किस तरह भारत का निर्माण करना चाहता है और चुनाव में कांग्रेस को जनता इसका माकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ देख है, और कह रहा है-

“स्वप्न देखा था कभी, वो आज हर धड़कन में है

और एक नया भारत बनाने का इरादा मन में है।”

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