50 Years of Shyam Benegal: श्याम बेनेगल के फिल्मों में हुए 50 साल पूरे, हिन्दी सिनेमा में कला फिल्मों के जनक रहे हैं

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

दिग्गज फ़िल्मकार श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) ने फिल्मों में अपने 50 बरस पूरे कर लिए हैं। सन 1974 में आई फिल्म ‘अंकुर’ (Ankur Film) से श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी। हालांकि वृत्त चित्र और विज्ञापन फिल्मों का निर्माण तो वह ‘अंकुर’ से भी बहुत पहले कर चुके थे।

पुराने अंदाज़ के सिनेमा को बेनेगल ने दी नयी सोच

श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) ने पिछले 50 बरसों में एक से एक शानदार फिल्म बनाई है। उनकी बड़ी विशेषता यह भी है कि वह हिन्दी सिनेमा में कला फिल्मों के जनक रहे हैं। बरसों से पुराने अंदाज़ का जो सिनेमा चल रहा था बेनेगल (Shyam Benegal) ने उसे नयी सोच दी। जिसे सार्थक सिनेमा भी कहा गया। हमारे इस सिनेमा को देश के साथ विदेशों में भी खूब सराहा गया। इससे नए किस्म की कहानियों पर दिल की गहराइयों तक पहुँचने वाली फिल्में बनने लगीं। बेनेगल (Shyam Benegal) के बाद और भी कई फ़िल्मकार उनके पद चिह्नों पर चलते नज़र आए।

हिन्दी सिनेमा में जो अंकुर बोये आगे चलकर वे सिनेमा की नयी धारा बन गए

श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) ने ‘अंकुर’ से हिन्दी सिनेमा में जो अंकुर बोये आगे चलकर वे सिनेमा की नयी धारा बन गए। ‘अंकुर’ को तो सफलता मिली ही बाद में निशांत, मंथन, भूमिका, जुनून, कलयुग, आरोहण, मंडी, सुसमन, मम्मो, सरदारी बेगम, जुबैदा, वैल्कम टू सज्जनपुर और वेल डन अब्बा जैसी फिल्मों से, बेनेगल (Shyam Benegal) ने भारतीय सिनेमा को समृद्द कर दिया है। उनकी पिछली फिल्म ‘मुजिब-द मेकिंग ऑफ नेशन’ पिछले बरस ही आई थी। जो बंगला देश के संस्थापक और वहाँ के प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की ज़िंदगी पर है।

महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस पर बनाई फिल्म

इससे पहले श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन के महान नेता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) पर, ‘द मेकिंग ऑफ महात्मा’ (The Making of Mahatma) और ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस-द फोरगॉटन हीरो’ (Netaji Subhas Chandra Bose: The Forgotten Hero) जैसी फिल्में भी बना चुके हैं।

90 बरस के हुए बेनेगल की फिल्म कान फिल्म समारोह में दिखाई गई

अब श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) 90 बरस के हो चले हैं लेकिन उनसे जब भी बात होती है उनका फिल्मों के प्रति जुनून और जोश साफ झलकता है। हाल ही में उनकी फिल्म ‘मंथन’ (Manthan) 77 वें कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival 2024) के क्लासिक वर्ग में दिखाई गयी।

मैंने फिल्मों में 50 बरस होने पर श्याम बेनेगल (Shyam Benegal) को बधाई दी तो वह खुश हुए। साथ ही जब मैंने उन्हें बताया कि यह संयोग है कि आपके फिल्मों में 50 बरस पूरे हुए हैं। साथ ही मेरे भी पत्रकारिता में 50 बरस हो गए हैं। तो वह बोले –‘’वाह यह तो और भी खुशी की बात है कि आपके करियर और मेरे करियर की यात्रा एक साथ चल रही हैं। आप मुझे बधाई दें और मैं आपको बधाई देता हूँ।‘’ यह कहकर वह ज़ोर से हंस पड़ते हैं।

यह भी पढ़ें – Cannes Film Festival 2024: कान फिल्म समारोह में भारत अब नए शिखर की ओर

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