Cannes Film Festival 2024: कान फिल्म समारोह में भारत अब नए शिखर की ओर

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

भारत ने इस बार विश्व के प्रतिष्ठित ‘कान फिल्म समारोह’(Cannes Film Festival) में सफलता के नए आयाम बनाकर नया इतिहास लिख दिया है। इससे भारत इस समारोह में अब नए शिखर की ओर अग्रसर हो चला है।

कण फिल्म समारोह में यूं तो भारत शुरू से हिस्सा ले रहा है। लेकिन भारतीय फिल्म प्रेमियों के जहन में कान का मतलब,वहाँ के रेड कार्पेट तक ही सीमित रहा है। क्योंकि कान (Cannes Film Festival) को लेकर भारत में जो खबरे सुर्खियों में रहती हैं वो ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai) या प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) जैसी अभिनेत्रियों के रेड कार्पेट पर चलने की होती हैं। जबकि इस समारोह में भारत के सत्यजित रे, राज कपूर, वी शांताराम, बिमल रॉय, मृणाल सेन, श्याम बेनगल, मीरा नायर और दीपा मेहता सहित और भी कुछ फ़िल्मकारों की फिल्में प्रदर्शित होती रही हैं।

यह अलग बात है कि कान में बरसों से कोई भारतीय फिल्म बड़ा पुरस्कार जीतने से वंचित रही। लेकिन इस बार के 77 वें कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival 2024) में भारत ने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना सहज नहीं थी। जब एक भारतीय फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ (All We Imagine As Light) को ग्रांड प्रिक्स (Grand Prix) मिला। साथ ही तीन और पुरस्कार भी भारतीय व्यक्तियों की झोली में आए। हालांकि यह ग्रांड प्रिक्स (Grand Prix) पाने के लिए भारत को 78 बरस लग गए।

जबकि भारत को कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival) में पहली बार ग्रांड प्रिक्स (Grand Prix) 5 अक्तूबर 1946 में तब मिला था, जब इस समारोह का पहला वर्ष था। तब चेतन आनंद (Chetan Anand) की पहली फिल्म ‘नीचा नगर’ (Neecha Nagar) को ग्रांड प्रिक्स (Grand Prix) मिला। जो गोर्की के उपन्यास ‘द लोयर डेप्थ्स’ पर आधारित थी। चेतन की पत्नी उमा आनंद के साथ कामिनी कौशल ने भी ‘नीचा नगर’ से फिल्मों में अपना आगमन किया था। लेकिन तब कोई भी यह पुरस्कार लेने के लिए फ्रांस नहीं जा सका था।

पायल कपाड़िया की फिल्म को मिला ग्रांड प्रिक्स

लेकिन इस बार ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ (All We Imagine As Light) की निर्देशक पायल कपाड़िया (Payal Kapadia) ने 25 मई को, वहाँ यह पुरस्कार फिल्म की तीन अभिनेत्रियों-कानी कुसरुती, दिव्य प्रभा और छाया कदम के साथ ग्रहण किया। मैंने भी पायल को इस पुरस्कार के लिए बधाई दी।

पायल (Payal Kapadia) कहती हैं-‘’पिछले कुछ दिन सपने जैसे बीते हैं। हमारी फिल्म कान समारोह (Cannes Film Festival) की प्रतियोगिता के लिए चुनी गयी, यह हमारी उम्मीदों से परे था। इस बात से हम जितने उत्साहित थे, उतने घबराए हुए भी। पूरे 30 साल बाद किसी फिल्म को कान में प्रतियोगिता वर्ग के लिए चुना गया था।‘’

ग्रांड प्रिक्स (Grand Prix) के बाद इस बार एक और बड़ा पुरस्कार भारतीय मूल की अभिनेत्री अनसूया गुप्ता (Anasuya Sengupta) ने जीता। जिन्हें बुल्गारिया फिल्म ‘द शेमलेस’ (The Shameless) के लिए ‘अन सर्टन रिगार्ड’ श्रेणी में, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (Best Actress) का पुरस्कार मिला।

उधर सुप्रसिद्द सिनेमाटोग्राफर संतोष सिवन (Santosh Sivan) को भी समारोह में ‘पियरे एंजनीक्स’ सम्मान से नवाजा गया। सिर्फ इतना ही नहीं ‘भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान’ (FTII’) के एक वर्षीय टीवी पाठ्यक्रम के छात्र चिदानंद एस नाइक (Chidananda S Naik) ने भी पहली बार, लघु फिल्म ‘सनफ्लावर्स आर द फर्स्ट वंस टू नो’ (Sunflowers Were the First Ones to Know) के लिए ‘ला सिनेफ’ पुरस्कार जीतकर देश का नाम ऊंचा किया।

चिदानंद (Chidananda S Naik) की 15 मिनट की यह फिल्म कन्नड की एक लोककथा पर आधारित है। इसे संयोग कहें या कुछ और कि इस बार के 4 भारतीय पुरस्कार विजेताओं में तीन पायल, सिवन और चिदानंद एफटीआईआई (FTII) से ही प्रशिक्षित हैं।

‘भारत पर्व’ से भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में भी मदद मिलेगी- संजय जाजू

इस बार के कान फिल्म समारोह (Cannes Film Festival 2024) की एक खास बात यह भी रही कि वहाँ पहली बार ‘भारत पर्व’ (Bharat Parv) का भी आयोजन किया गया। जिसकी फ्रेंच रिवेरा में सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू (Sanjay Jaju) ने मेजबानी की। जब मैंने इस बार के समारोह को लेकर संजय जाजू (Sanjay Jaju) से बात की तो वह भारत की उपलब्धियों को लेकर काफी खुश लगे।

संजय जाजू (Sanjay Jaju) बताते हैं-‘’इस बार कान (Cannes Film Festival 2024) में भारत को जो सम्मान मिले हैं, वे हम सभी के लिए उत्साहजनक हैं। फिर हमने ‘भारत मंडप’ (Bharat Mandap) के साथ पहली बार वहाँ ‘भारत पर्व’ (Bharat Parv) का आयोजन भी किया। जिसका उद्देश्य भारती और भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) की ओर विश्व को आकर्षित करना है। इस सबसे भारत की सॉफ्ट पावर’ को बढ़ाना भी है। इससे भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में भी मदद मिलेगी।‘’

Related Articles

Back to top button