साहित्य अकादेमी पुरस्कार: वरिष्ठ कथाकार संजीव के उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ सहित 24 भाषाओं की कृतियों को 12 मार्च को दिल्ली में मिलेगा यह प्रतिष्ठित सम्मान

कृतार्थ सरदाना, नयी दिल्ली, हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार संजीव को उनके उपन्यास ‘’मुझे पहचानो’ के लिए इस वर्ष के साहित्य अकादेमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) से सम्मानित किया जाएगा। नारी की व्यथा कथा पर केन्द्रित संजीव का यह उपन्यास 2020 में सेतु प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था।

संजीव के साथ नीलम सरन गौर को उनके अँग्रेजी उपन्यास ‘रेक्युयम इन रागा’, स्वर्णजीत सवी को पंजाबी कविताओं के संग्रह ‘मन दी चिप’, अरुण रंजन मिश्र को संस्कृत काव्य संग्रह ‘शून्ये मेघगानम’, विनोद जोशी को गुजराती प्रबंध काव्य ‘सैरन्ध्री’ और गजेसिंह राजपुरोहित को राजस्थानी कविता संग्रह ‘पालकती प्रीत’ सहित कुल 24 भाषाओं के लेखकों-कवियों को साहित्य अकादेमी के प्रतिष्ठित पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा।

साहित्य अकादेमी (Sahitya Akademi) के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव (K Sreenivasarao) ने 20 दिसंबर को आयोजित पत्रकार सम्मेलन में, साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2023 के सभी चौबीस भारतीय भाषाओं के पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी।

इन पुरस्कारों में 9 कविता-संग्रह, 6 उपन्यास, 5 कहानी-संग्रह, 3 निबंध, तथा 1 आलोचना की पुस्तक शामिल है। पुरस्कारों की अनुशंसा 24 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समिति द्वारा की गई तथा साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया।

पुरस्कारों में कविता के लिए जिन कवियों को पुरस्कृत किया जाएगा उनके नाम हैं-विजय वर्मा (डोगरी), विनोद जोशी (गुजराती),  मंशूर बनिहाली (कश्मीरी), सोरोख्खैबम गंभिनी (मणिपुरी), आशुतोष परिडा (ओड़िआ), स्वर्णजीत सवी (पंजाबी), गजेसिंह राजपुरोहित (राजस्थानी), अरुण रंजन मिश्र (संस्कृत) और विनोद आसुदानी (सिंधी)।

उधर उपन्यास के पुरस्कृत लेखक हैं, संजीव (हिन्दी), स्वपनमय चक्रबर्ती (बांग्ला), कृष्णात खोत (मराठी), राजशेखरन (देवीभारती) (तमिल) और नीलम सरन गौर(अँग्रेजी)।

जबकि कहानी-संग्रह के लिए जिन कथाकारों को साहित्य अकादेमी सम्मान देने की घोषणा हुई है, उनके नाम हैं- प्रणवज्योति डेका (असमिया), नंदेश्वर दैमारि (बोडो), प्रकाश एस. पर्येंकार (कोंकणी), तारासीन बासकी (तुरिया चंद बासकी) (संताली) और  टी. पतंजलि शास्त्री (तेलुगु)।

साथ ही निबंध के लिए लक्ष्मीशा तोल्पडि (कन्नड), बासुकीनाथ झा (मैथिली) और  युद्धवीर राणा (नेपाली) को सम्मानित किया जाएगा।

और आलोचना के लिए मलयालम के ई.वी. रामकृष्णन को चुना गया है। ये पुरस्कार 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के दौरान के पाँच बरसों में, पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिए गए हैं।

12 मार्च को दिल्ली में होगा सम्मान समारोह    

पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। पुरस्कार समारोह आगामी 12 मार्च को नयी दिल्ली के कमानी सभागार में  आयोजित किया जाएगा। इसी दिन साहित्य अकादेमी की स्थापना को भी 70 बरस पूरे हो रहे हैं।

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