Holi 2024: RK स्टूडियो की होली- कब शुरू हुई, क्यों और कब बंद हुई, जानिए पूरा हाल
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
हमारी फिल्म इंडस्ट्री में जब भी होली (Holi) की चर्चा होती है तो सबसे पहले आरके की होली (RK Ki Holi) की बात होती है। उस आर के स्टूडियो की होली की जिसको फ़िल्मकार राज कपूर इतनी भव्यता से, इतने दिल से और इतनी शिद्दत से मनाते थे कि बरसों बाद भी उस होली को भुलाया नहीं जा सका है। हालांकि अब न राज कपूर (Raj Kapoor) हैं, न राज कपूर के स्टूडियो (RK Studio) की भव्य होली और न ही वह आर के स्टूडियो, जहां की होली का इंतज़ार पूरी फिल्म इंडस्ट्री साल भर करती थी।
होली के खूबसूरत रंग इतनी जल्द बिखरकर बदरंग हो जाएँगे, यह भला किसने सोचा था। लेकिन गनीमत यह है कि उस होली की यादें अभी भी खूबसूरत हैं। ऐसी यादें जो दिल-ओ-दिमाग में भीतर तक घर कर गयी हैं।
असल में वह होली ऐसी थी कि होली के दिन राज कपूर अपने स्टूडियो में जिनको भी आमंत्रित करते थे, वे सब प्रतिष्ठित व्यक्तियों की श्रेणी में आ जाते थे। हालांकि उस दिन कोई कलाकार बिना बुलाये भी पहुँच जाता था तो उसका भी आरके स्टूडियो में तहे दिल से स्वागत होता था।
बड़े से बड़े हीरो-हीरोइन आर के स्टूडियो के रंग भरे टब में डुबकी लगाकर खुद को धन्य समझते थे। बड़े से बड़ी फिल्म हस्ती जब वहाँ मस्ती में नाचते गाते थे तो समां बंध जाता था। लेकिन अब ये सब यादें रह गयी हैं। अब तो वह आर के स्टूडियो ही नहीं रहा जहां उस रंगीन और ऐतिहासिक हौज के सामने खड़े होकर धूमिल यादों को ही सँजोया जा सके। कुछ समय पहले ही कपूर परिवार ने आर के स्टूडियो को बेच दिया था। अब वहाँ के नए स्वामी ने आर के स्टूडियो पर बुलडोजर चलवाकर नए भवन का निर्माण कर दिया है।
यूं देखा जाये तो आर के स्टूडियो की रंगभरी शानदार होली की बिदाई तभी हो गयी थी, जब राज कपूर ने 2 जून 1988 को इस दुनिया को अलविदा कहा। इसलिए 4 मार्च 1988 को आयोजित होली समारोह यहाँ का अंतिम होली समारोह था। राज कपूर के बाद उनके बेटे अपने इस स्टूडियो में गणेश उत्सव तो जैसे तैसे आयोजन करते रहे लेकिन होली का अपना सालाना कार्यक्रम उन्होंने बंद कर दिया था।
जबकि आर के की यह होली सन 1950 के दशक की शुरुआत में तभी शुरू हो गयी थी जब राज कपूर ने इस स्टूडियो की स्थापना करके अपनी ‘आवारा’ फिल्म के सुपर हिट होने के बाद यहाँ होली का जश्न मनाया था। जल्द ही मुंबई फिल्म इंडस्ट्री की यह सामूहिक होली इतनी लोकप्रिय हो गयी कि बहुत से कलाकारों ने अपने घरों में होली मनाना छोड़ दिया, सभी आर के की होली को अपने घर-परिवार की होली के रूप में देखते थे।
करीब 35 बरसों के आर के स्टूडियो के इस होली आयोजन में सभी धर्मों के बड़े से छोटे सभी कलाकार दिल खोलकर मस्ती करते रहे। नर्गिस, कामिनी कौशल, गीता बाली, निम्मी, वैजयंतीमाला, सिम्मी, बबीता, हेमामालिनी से लेकर जीनत अमान, डिम्पल कपाड़िया, नीतू सिंह, पद्मिनी कोल्हापुरे और मंदाकिनी तक कई मशहूर अभिनेत्रियाँ राज कपूर की होली के रंगों में नहा चुकी हैं।
साथ ही शम्मी कपूर, शशि कपूर, राजेन्द्र कुमार, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, अनिल धवन, प्रेम नाथ, राजेन्द्र नाथ, प्रेम चोपड़ा जैसे अभिनेता इस अविस्मरणीय होली के बड़े गवाह रहे हैं। उधर लता मंगेशकर, मुकेश, शैलेंद्र,लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल, शंकर जयकिशन, हसरत जयपुरी और रविन्द्र जैन जैसी संगीत की हस्तियाँ भी इस होली समारोह की शान रहीं।
आर के की यह होली (Holi) क्यों बंद हो गयी। इस पर रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) से एक बार मेरी बात हुई तो उन्होंने बताया था कि “कुछ मेहमान ऐसे आने लगे थे जो अपने साथ भी कुछ ऐसे लोगों को ले आते थे कि वे समारोह को बेमज़ा कर देते थे। हमारे यहाँ शुरू से होली समारोह में खाने पीने के सामान की कभी कोई कमी नहीं रहती थी। लेकिन कुछ लोग खा पीकर इतना हुड़दंग करते थे कि वह सब सभी अच्छे लोगों को गवारा नहीं होता था। कुछ तो वहाँ रखे खाने पीने के सामान को जाते समय अपने साथ घर तक ले जाने लगे। ऐसी बहुत सी बातों को देखकर राज कपूर जी के बाद आरके स्टूडियो का होली का समारोह बंद कर दिया गया।”