ऊर्जा का उत्तम स्रोत है बादाम, बच्चों, जवान और बड़ों सभी के लिए है फायदेमंद

नई दिल्ली, नीतू गुप्ता। सूखे मेवों में बादाम को राजा माना जाता है। यह प्रकृति प्रदत्त ऊर्जा का उत्तम स्रोत है क्योंकि इसे उच्च श्रेणी का खाद्य माना जाता है। यह कैलोरी, प्रोटीन, विटामिन ए, बी काम्पलेक्स, ई, फौलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, कापर, फाइबर, मैगनीशियम, पोटाशियम अनेको न्यूट्रिएंटस से भरपूर है। इसमें सेचुरेटिड वसा अधिक होती है जो हमारे शरीर के लिए लाभप्रद मानी जाती है।

बादाम के नियमित सेवन से मस्तिष्क के स्नायु चुस्त बने रहते हैं और शरीर मेें यह एन्टी आक्सीडेन्ट का काम करता है। बादाम बच्चों, जवान और बड़ों के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ है। बादाम उच्च कैलोरी खाद्य होने के कारण शरीर की आपात्कालीन ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

वैसे तो यह सभी आयु वर्ग के लिए लाभकारी है पर बढ़ते बच्चों के लिए विशेष रूप से हितकर है। बादाम में निहित प्रोटीन की तुलना सोयाबीन से की जाती है इसलिए यह बढ़ते बच्चों के शारीरिक विकास और मानसिक शक्ति के लिए बहुत उचित होता है। बच्चों को शहद में भीगे बादाम दिए जा सकते हैं जो बच्चों में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं।

जवां आदमी के लिए नियमित बादाम का सेवन उसकी मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाता है और शारीरिक सहनशक्ति को भी बढ़ता है। पुराने समय से ही पहलवान और खिलाड़ियों को बादाम दिया जाता रहा है।

बादाम हृदय रोगियों की आरटरीज को स्वस्थ रखता है। यह एलडीएल को कम कर एचडीएल को बढ़ाता है। बादाम का फाइबर घुलनशील होने के कारण कोलेस्ट्रोल को कम करता है। बादाम में निहित कैल्शियम और मैग्नीशियम हृदय की धड़कन को नियन्त्रिात कर हमारे कार्डियोवास्कुलर सिस्टम को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।

बादाम रोगन त्वचा तथा बालों के लिए उत्तम टानिक होता है। इसके नियमित प्रयोग से बाल काले और चमकदार रहते हैं तथा त्वचा में निखार आता है। बादाम रोगन से स्तनों पर नियमित मालिश करने से स्तन पुष्ट और सही आकार में रहते हैं। बादाम को छिलके के साथ खाने से कब्ज होती है और छिलका उतार कर खाने से कब्ज दूर होती है। पुरानी कब्ज होने पर गर्म दूध में थोड़ा बादाम रोगन मिला कर पीना चाहिए।

बादाम में उचित आयरन होने के कारण यह मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों में रक्त संचार को बढ़ाता है जिससे बुढ़ापे में कई रोगों से दूर रहते हैं। रात को सोते समय चार छिलका उतरे बादाम, काली मिर्च और शहद का सर्दियों में नियमित सेवन करने से सर्दी के कई रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

बादाम के नियमित सेवन से मस्तिष्क में रक्त संचार सुचारू रूप से कार्य करता है। बादाम का कैल्शियम दिमागी नसों को सहनशील बनाता है। इसमें निहित विटामिन बी-1, बी-12, और ई मस्तिष्क की कोशिकाओं और स्नायु तंत्रा को शक्ति प्रदान करता है।

बादाम उच्च कैलोरी खाद्य होने के कारण इसका प्रयोग सीमित मात्रा में ही करनाा चाहिए। बहुत अधिक सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है। बादाम का छिलका उतार कर ही लेना चािहए। सेवन करने से पहले इसे पानी में तीन चार घंटे भिगो कर रखना चाहिए। बादाम को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए ताकि पचने में आसानी रहे।

एक दिन में 10 बादाम से अधिक का सेवन नहीं करना चाहिए वैसे प्रतिदिन 4-5 बादाम की गिरी लेना ही हितकर होता है।
कड़वे बादामों का सेवन नहीं करना चािहए। तले हए बादाम शरीर को हानि पहुंचाते हैं।

बादाम में संतुलित आहार के सभी पोषक मौजूद होते हैं इसलिए किसी ने ठीक कहा है कि प्रतिदिन चार बादाम का सेवन व्यक्ति को डाक्टर से दूर रखने में सक्षम होता है।

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