राष्ट्रपति ने की बेटियों की विशेष सराहना

लखनऊ। राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। ये आपके और आपके परिवार के लिए हर्ष और उल्लास का क्षण होता है। आज डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों में से 42 प्रतिशत लड़कियां हैं। साथ ही गोल्ड मेडल पाने वाली भी 60 प्रतिशत छात्राएं हैं। मैं सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बेटियों की विशेष सराहना करती हूं। आप सब जीवन में जो भी बनना चाहते हैं उसके लिए आज से ही प्रयास करें। आपमें से कुछ बच्चे प्राइवेट, कुछ सरकारी नौकरियों में जाएंगे। कुछ उद्यमी बनेंगे, मैं चाहती हूं कि कुछ बच्चे अच्छे शिक्षक और प्रोफेसर भी बनें। उत्तम शिक्षा व्यवस्था के लिए उत्तम शिक्षकों का होना बहुत ही जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस बात पर जोर देती है कि शिक्षकों को शिक्षा व्यवस्था के केंद्र में होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि आप चुनौतिपूर्ण और प्रतिस्पर्धा वाली दुनिया में प्रवेश करने जा रहे हैं। आप अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और देश को विकास के पथ पर ले जाने का संकल्प लें। साथ ही अपने संस्कारों और संस्कृति से जुड़े रहना बहुत जरूरी है। तभी आप सार्थक जीवन जी सकते हैं। अमृत काल का ये समय सक्रियता और प्रगतिशीलता का है।

इससे पूर्व कुलपति प्रो संजय सिंह ने स्वागत भाषण एवं शौक्षणिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कुलाधिपति प्रकाश सी बर्तुनिया को स्मृति चिह्न बोधिवृक्ष का प्रतीक देकर उनका स्वागत किया। विश्वविद्यालय की ओर से 17 अध्ययन विद्यापीठों के 38 विभागों के 3808 स्नातक, परास्नातक, एमफिल, पीएचडी, पीजी डिप्लोमा एवं डिप्लोमा के सभी विषयों के विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयीं। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय भी मौजूद रहे।

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