समस्या पर खुलकर करें बात, निकल आता है समाधान : डा. श्वेता पाण्डेय

झांसी । बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में राज्य परिवार नियोजन अभिनवीकरण सेवा परियोजना एजेंसी इकाई ने आज विश्वविद्यालय के शिक्षा संस्थान में मानसिक स्वास्थ्य और जीवन कौशल विषय पर 12वीं कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में शिक्षा संस्थान के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए नोडल अधिकारी सिफ्सा डा. श्वेता पाण्डेय ने कहा कि कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं होती है कि उसका समाधान नहीं खोजा जा सके। उन्होंने कहा कि हार कर बैठ जाना या कोई गलत कदम उठा लेने से समस्या खत्म नहीं हो जाती है। यह हमें मानसिक रूप से परेशान करती रहती है। उन्होंने कहा कि किसी परेशानी से निजात पाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम उसके बारे में बात करें और सही समाधान तक पहुंच सकें।

डा. पाण्डेय ने कहा कि यदि कोई समस्या बहुत दिनों तक हैं तो वह धीरे धीरे हमारे मन को प्रभावित करने लगती है। मानसिक रूप से परेशान होने पर समस्याओं का एक दुश्चक्र चलना शुरू हो जाता है। इसलिए यह जरूरी है कि कोई समस्या हमें मानसिक रूप से परेशान करे उसके पहले ही उसका समाधान निकालना बहुत जरूरी है।

मानसिक स्वास्थ्य और जीवन कौशल कार्यक्रम अधिकारी डा. उमेश कुमार ने बताया कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ्य होना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के अंतर्गत यह व्यवस्था है कि मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को उचित परामर्श और इलाज मिले। मानसिक अस्वास्थ्य व्यक्ति के भी जीवन अधिकार हैं और उनका सम्मान किया जाना जरूरी है। डा. कुमार ने विद्यार्थियों को मनकक्ष, टेलीमानस टोल फ्री नम्बर, जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का टोल फ्री नम्बर के बारे में जानकारी दी।

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