रेलवे स्टेशन पर कोयला के पॉल्यूशन से मिलेगी निजात : सीनियर डीएमई
कटिहार। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के कटिहार जोगबनी रेलखंड में जलालगढ़ स्टेशन पर कोयला की लोडिंग से हो रही पॉल्यूशन की समस्या से निजात पाने के लिए रेल प्रशासन ने एक अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। कटिहार रेलमंडल में इसका अभी ट्रायल किया जा रहा है और यदि यह फार्मूला सफल रहा तो यकीनन जल्द हीं जलालगढ़ फिर से प्रदूषण मुक्त हो जाएगा और वहां के स्थानीय निवासी चैन की सांसे ले सकेंगे ।
इस संदर्भ में विशेष जानकारी देते हुए कटिहार रेल मंडल के सीनियर डीएमई अमरनाथ झा ने मंगलवार देर शाम बताया कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर जलालगढ़ रैक प्वाइंट पर कोयला के डस्ट से हो रहे भारी प्रदूषण की समस्या रेल प्रशासन के संज्ञान में आते ही रेल प्रशासन यात्रियों की स्वास्थ, सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए इसके निजात में जुट गया।
एनएफआर के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता के निर्देश पर कटिहार मंडल रेल प्रबंधक कर्नल सुभेंदु कुमार चौधूरी के नेतृत्व में पोलूशन से निपटने के लिए एक ट्रायल किया गया। इस दौरान लगभग 10 लाख रुपए की लागत से रैक प्वाइंट सहित उक्त रेल परिसर को ग्रीन नेट से घेरते हुए अन्य कित्रीम तकनीकों के तहत उपाय किए गए। जिससे कोल आदि लोडिंग के समय डस्ट ना उड़े और लोगो को पॉल्यूशन का सामना ना करना पड़े। रेल प्रशासन का कोयला डस्ट से निजात का प्रयोग 50 प्रतिशत से अधिक सफल भी रहा है। जलालगढ़ रेलवे स्टेशन के आस पास के निवासी अब बड़ी आराम से रेल परिसर में घूम रहे हैं। वही स्टेशन मास्टर सहित अन्य रेलकर्मी बिना मास्क के भी अपने ड्यूटी आसानी से कर सकते है।
कटिहार रेलमंडल ने अभी इस फार्मूला का ट्रायल कर रहा है और यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रही तो एनएफ रेलवे के बथनाहा, किशनगंज सहित अन्य स्टेशनों पर भी इस तरह की उपाय कर जल्द ही लोगों को प्रदूषण से निजात मिल जाएगा। रेलवे के इस ट्रायल मात्र से स्थानीय लोगों को काफी राहत मिली है। जिससे स्थानीय लोगों में हर्ष का माहौल है।