रूस ने यूक्रेन पर दागी हैं 4700 अधिक मिसाइलें
अपने देश की तबाही की दास्तां बयां करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि नौ माहों में रूस ने 4700 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। इन हमलों में सैकड़ों शहर बर्बाद हो गए हैं।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रविवार को जारी वीडियो संबोधन में कहा कि यूक्रेन पर हमले के लिए रूस मिसाइलों का जमकर उपयोग कर रहा है। रूस ने यूक्रेन पर इसी साल 24 फरवरी को हमला बोला था। बीते करीब 270 दिनों में रूस ने यूक्रेन पर 4,700 से ज्यादा प्रक्षेपास्त्र दागकर उसे एक खंडहर देश में तब्दील कर दिया है। जंग में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
हजारों मारे गए, 30 लाख से ज्यादा विस्थापित
रूसी हमलों में यूक्रेन के सैकड़ों शहर बर्बाद हो गए। सैकड़ों लोगों समेत हजारों लोगों की मौत हुई है। यूक्रेन के 30 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित होकर पड़ोसी देशों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। जहां रूस ने कब्जा कर लिया है, वहां से लोगों को भी जबर्दस्ती रूस भेजा गया। जो इसके लिए तैयार नहीं हुए, उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।
कड़ाके की ठंड में बिजली गुल, लाखों लोग प्रभावित
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दुनिया को अपने देश की हालत बताते हुए अपने संदेश में कहा कि रूस के हमलों की वजह से देश के करीब 20 लाख लोग बिना बिजली के जीवन जीने को मजबूर हैं। रूसी हमलों में यूक्रेन की बिजली व संचार आपूर्ति पर भी बुरा असर पड़ा है। बिजली आपूर्ति ठप होने से कड़ाके की ठंड में लोगों को बगैर बिजली रहना पड़ रहा है। रूसी खतरे के कारण यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्रों के दो रिएक्टर बंद कर दिए गए हैं। जेलेंस्की ने कहा कि रूसी हमलों से यूक्रेन का आधे से अधिक बिजली क्षेत्र तबाह हो चुका है। तापमान लगातार गिर रहा है और लोगों की मुसीबतें बढ़ रही हैं।
पश्चिमी देश रूस के सामने सरेंडर करने का दबाव डाल रहे
इससे पहले यूक्रेन ने रविवार को सनसनीखेज आरोप लगाया था कि पश्चिमी देश उस पर रूस के सामने सरेंडर करने का दबाव बना रहे हैं। यूक्रेन ने दावा किया कि वह जंग जीत रहा है, लेकिन रूस शांतिवार्ता की आड़ में फिर ताकत जुटाते हुए यूक्रेन पर हमले करके ज्यादा जमीन हड़प सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले दिनों यूक्रेन को शांति वार्ता के लिए रुख नरम करने की सलाह दी थी।
जेलेंस्की के सलाहकार मायख्येलो पोदोल्याक ने कहा, यूक्रेन जंग के मैदान में रूस को पटखनी देते हुए अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल कर रहा है। युद्ध के इस पड़ाव पर पश्चिमी की तरफ से रूस से समझौता करने का दबाव सीधे तौर पर यूक्रेन से रूस के सामने सरेंडर करने की मांग जैसा है। सेरही प्रय्तुला फाउंडेशन को दिए साक्षात्कार में पोदोल्याक ने कहा, पश्चिमी नेता कह रहे हैं कि यूक्रेन सैन्य तरीके से इस जंग का हल नहीं निकाल सकता है।