Pradeep Sardana: वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना को ‘रत्नश्री सम्मान’

नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार, लेखक, कवि और जाने माने फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना (Pradeep Sardana) को कल शाम ‘रत्नश्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

राजधानी में आयोजित एक भव्य समारोह में श्री सरदाना को यह सम्मान ‘राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय’ (National School of Drama) के पूर्व निदेशक और वर्तमान में ‘गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी’ के निदेशक दिनेश खन्ना (Dinesh Khanna) ने प्रदान किया।

श्री प्रदीप सरदाना (Pradeep Sardana) को यह सम्मान लेखन,पत्रकारिता, काव्य, कला एवं फिल्म क्षेत्र में किए गए उनके असाधारण कार्यों के लिए दिया गया है।

फिल्म इतिहासकार के साथ राजनीति, साहित्यिक पर भी सराहनीय लेखन

श्री दिनेश खन्ना (Dinesh Khanna) ने इस मौके पर कहा, प्रदीप सरदाना जी (Pradeep Sardana) विगत 45 से अधिक वर्षों से पत्रकारिता, साहित्य और कला संस्कृति के साथ फिल्म समीक्षक और फिल्म इतिहासकार के रूप में जो कार्य कर रहे हैं, वह अत्यंत सराहनीय है। राजनीति, साहित्य,सिनेमा ,कला संस्कृति और सामाजिक तथा सामायिक विषयों पर उनका लेखन अद्भभुत है।

देश के सबसे कम उम्र के संपादक

अब तक अनेक पुरस्कारों से पुरस्कृत श्री प्रदीप सरदाना (Pradeep Sardana) देश के सबसे कम उम्र के संपादक और देश में टेलीविजन पत्रकारिता के जनक भी हैं। साथ ही देश के 5 बड़े राष्ट्रीय न्यूज चैनल पर 4 दिन में 52 घंटे लाइव रहने का अनूठा रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है।

13 वर्ष की उम्र में पत्रकारिता की शुरुआत, 17 की उम्र में संपादक

उल्लेखनीय है श्री प्रदीप सरदाना ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में ‘सेवाग्राम’ साप्ताहिक से अपनी पत्रकारिता शुरू की थी। बाद में वह ‘कथालोक’ साहित्यिक पत्रकारिता में उप संपादक बने। लेकिन जल्द ही 17 बरस की आयु में  ‘पुनर्वास’ अखबार का संपादन-प्रकाशन करके उन्होंने सभी को चौंका दिया था । श्री  सरदाना के इस प्रयास की डॉ हरिवंश राय बच्चन और तत्कालीन उपराष्ट्रपति  बी डी जत्ती और  दिल्ली के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी पार्षद केदार नाथ साहनी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी प्रशंसा की थी।

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