कविता से मनुष्य में संवेदनशीलता बनी रहती है, बोले जाने माने कवि बुद्धिनाथ मिश्र, साहित्य अकादेमी के पुस्तक मेले में बी एल गौड़, विवेक गौतम और हरेराम समीप जैसे कवियों ने रंग जमाया

दिल्ली में साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित ‘पुस्तकायन’ पुस्तक मेले का मंगलवार पाँचवाँ दिन कवि सम्मेलन का रहा। हिंदी के कवियों ने अपनी एक से एक रचनाओं को प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरी। वरिष्ठ एवं लोकप्रिय कवि बुद्धिनाथ मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुए हिंदी कवि सम्मेलन में बी.एल. गौड़, हरेराम समीप, ज्ञानप्रकाश विवेक, विवेक गौतम एवं उपेंद्र पांडेय ने अपनी-अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं। साहित्य अकादेमी के संपादक अनुपम तिवारी ने सभी कवियों का परिचय खूबसूरती से कराया। साथ ही वह पूरे कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम उपेंद्र पांडेय ने अपने ओजस्वी स्वर में कविताओं का पाठ किया। देशप्रेम से ओत-प्रोत उनकी कविताओं में वतन के सैनिकों के प्रति सम्मान दिखा तो गलवान के वीर शहीदों को भी उन्होंने बड़े सम्मान से याद किया। वर्तमान हालात पर टिप्पणी करते हुए विवेक गौतम ने कमर तोड़ महँगाई पर तो कुछ कविताएँ सुनाईं ही, माँ पर भी एक मार्मिक कविता प्रस्तुत की।

प्रख्यात कथाकार और ग़ज़लकार ज्ञानप्रकाश विवेक ने अपनी कई ग़ज़लों से भरपूर वाह-वाह लूटी। उनका एक शेर था – मेरे फिसलने का कारण था यही शायद, कि हर क़दम बहुत आज़माकर रखता था। इसके बाद हरेराम समीप ने अपने सारगर्भित दोहों से रंग जमाया। उनका एक दोहा जो ख़ूब पसंद किया गया वह था – जो जैसा जब भी मिला, लिया उसी को संग, यारों मेरे प्यार का पानी जैसा रंग। एक अन्य दोहा था -पुलिस पकड़कर ले गई उसको अपने साथ, आग बुझाने में जले जिसके दोनों हाथ।

वरिष्ठ कवि बी.एल. गौड़ ने कविता और गीत प्रस्तुत किए, जिनमें मानव स्वभाव, प्रकृति को नए तरीक़े से देखा गया था। एक कविता थी -पत्थरों की काट से जो शोर होता है, समझ लेना कहीं पर निर्माण होता है, ईट पत्थरों में भी प्राण होता है।

अंत में प्रख्यात कवि बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने कई गीत प्रस्तुत किए। अलग-अलग भाव भूमि पर आधारित उनके गीतों को श्रोताओं को खूब पसंद किया। गीतों की प्रस्तुति से पहले उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कविता से मनुष्य की संवेदनशीलता बनी रहती है। उनका एक गीत था – कल अधूरा ही परिचय था हमारा, आज मन का खोल दो आकाश सारा। एक अन्य गीत के बोल थे -तुम इतना समीप आओगे, मैंने कभी नहीं सोचा था।

कार्यक्रम के आरंभ में अकादेमी के उपसचिव कृष्णा किंबहुने ने सभी अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्रम् पहना कर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत सीसीआरटी छात्रवृत्ति पा रही भरतनाट्यम नृत्यांगना बाल कलाकारों श्रेया वी. एवं स्वराज दास ने तबला वादन प्रस्तुत किया।

 

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