पीएम मोदी ने 15 अगस्त को किया लाल किले से विश्‍वकर्मा योजना का ऐलान,16 अगस्त को मंजूरी भी दे दी, कारीगरों – शिल्पकारों की बदलेगी ज़िंदगी

15 अगस्त को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि आने वाले महीने में विश्‍वकर्मा जयंती पर विश्‍वकर्मा योजना लॉन्‍च की जाएगी।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम दिव्‍यांगजनों के लिए एक सुगम भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पैरालिंपिक में भी हिन्‍दुस्‍तान का तिरंगा झंडा लहराने के लिए दिव्‍यांगजनों को सामर्थ्‍यवान बना रहे हैं। जिसके लिए खिलाडि़यों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि आज भारत के पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, और डाइवर्सिटी है। उन्होंने कहा कि डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की ये त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्‍य रखती है।

अब बुधवार 16 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पांच साल की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) के लिए 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ इस नई पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी।

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करना और बढ़ावा देना है। इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों व सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना है कि विश्वकर्मा घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ जुड़ सकें।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत बाद में कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान भी की जाएगी।

यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों व शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। पीएम विश्वकर्मा के तहत पहले चरण में अठारह पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया जाएगा। इन व्यवसायों में (i) बढ़ई (सुथार); (ii) नाव निर्माता; (iii) अस्त्र बनाने वाला; (iv) लोहार (v) हथौड़ा और टूल किट निर्माता; (vi) ताला बनाने वाला; (vii) गोल्डस्मिथ (सुनार); (viii) कुम्हार;  (ix) मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला); (x) मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर; (xi) मेसन (राजमिस्त्री); (xii) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर; (xiii) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); (xiv) नाई; (xv) माला बनाने वाला; (xvi) धोबी; (xvii) दर्जी और (xviii) मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।

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