मिशन 2024 मोड में नड्डा, 9 राज्यों में जमीन मजबूत करेंगे

लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनका कार्यकाल जून 2024 तय कर दिया गया है. नड्डा तीसरे ऐसे अध्यक्ष होंगे, जिन्हें दूसरी बार पार्टी की कमान मिलेगी। इससे पहले राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी दो या उससे अधिक कार्यकाल के लिए अध्यक्ष रह चुके हैं।

मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके जेपी नड्डा को संगठन का भी तजुर्बा है। अध्यक्ष बनने से पहले नड्डा जम्मू-कश्मीर और यूपी के प्रभारी महासचिव रह चुके हैं। 2010 में नड्डा राष्ट्रीय राजनीति में आए थे, उस वक्त नितिन गडकरी ने उन्हें पार्टी का सचिव नियुक्त किया था।

मोदी-शाह के फैसले को संगठन में लागू करने में माहिर
2021 मोदी कैबिनेट में फेरबदल होना था। प्रधानमंत्री आवास पर नए नामों को लेकर पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच मीटिंग हुई। बैठक में कुछ कद्दावर मंत्रियों को हटाने पर भी सहमति बनी। इनमें रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावेड़कर और हर्षवर्धन जैसे नाम शामिल थे।

मंत्रियों से इस्तीफा भिजवाने की जिम्मेदारी जेपी नड्डा को सौंपी गई। नड्डा ने हटाए जाने वाले सभी 12 मंत्रियों को फोन कर पीएमओ इस्तीफा भेजने के लिए कहा। इस प्लान को इतनी आसानी से अंजाम दिया गया कि शुरुआत में किसी को भनक तक नहीं लगी।

बिहार-यूपी में बेहतरीन परफॉर्मेंस का ईनाम मिला
जेपी नड्डा 2020 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे। इसके बाद करीब 14 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए हैं। इनमें 5 राज्यों में बीजेपी अकेले दम पर सरकार बनाई, जबकि 2 राज्यों में गठबंधन के साथ सरकार बनाने में सफल रही।

नड्डा के नेतृत्व में बिहार और यूपी में बीजेपी ने बेहतरीन परफॉर्मेंस किया। बिहार में 74 सीटें जीतकर बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि यूपी में 250 से ज्यादा सीटें जीतकर बीजेपी ने सरकार बनाई थी। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की कुल 120 सीटें हैं।

 

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