आज के पंचांग के साथ जानिए, ब्रह्म पुराण के अनुसार पीपल और दीप पूजा का लाभ, साथ ही एकादशी क्यों है सबसे बड़ा व्रत

🌤️  दिनांक – 26 अगस्त 2023

🌤️ दिन – शनिवार

🌤️ विक्रम संवत – 2080

🌤️ शक संवत -1945

🌤️ अयन – दक्षिणायन

🌤️ ऋतु – शरद ॠतु

🌤️ मास – श्रावण

🌤️ पक्ष – शुक्ल

🌤️ तिथि – दशमी 27 अगस्त रात्रि 12:08 तक तत्पश्चात एकादशी

🌤️ नक्षत्र – जेष्ठा सुबह 08:37 तक तत्पश्चात मूल

🌤️ योग – विष्कंभ शाम 04:27  तक तत्पश्चात प्रीति

🌤️ राहुकाल – दिल्ली समयानुसार सुबह 09:09 से सुबह 10:46 तक

🌞 सूर्योदय-05:55

🌤️ सूर्यास्त- 18:49

दिल्ली समयानुसार

👉 दिशाशूल- पूर्व दिशा में

ब्रह्म पुराण में क्या है शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की पूजा का महत्व

ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’

💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जाप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)

💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹

🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की 7 बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।

🌷 एकादशी व्रत और उसके लाभ

आज 26 अगस्त 2023 शनिवार को रात्रि 12:09 से 27 अगस्त, रविवार को रात्रि 09:32 तक एकादशी है।

💥 विशेष – 27 अगस्त, रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।

🙏 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

🙏🏻 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

🙏🏻 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं। इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

🙏🏻 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

🙏🏻 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।

🙏🏻 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ। भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।

🌷 एकादशी के दिन करने योग्य

🙏🏻 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें। विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l

🌷 एकादशी के दिन ये सावधानी रहे

🙏🏻 महीने में 15-15 दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सकें तब भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए। डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा है- एकादशी के दिन जो  चावल खाता है तो उसे एक-एक चावल ख्हने पर एक-एक कीड़ा खाने का पाप लगता है।

🔹 चिंता, चिड़चिड़ापन व तनाव कम करने हेतु

🔸जो व्यक्ति स्नान करते समय पानी में ( 5 मि.ली.) गुलाबजल मिलाकर ‘ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा ।’ यह मंत्र बोलते हुए सर पर जल डालता है, उसे गंगा-स्नान का पुण्य होता है तथा साथ ही मानसिक चिंताओं में कमी आती है और तनाव धीरे-धीरे दूर होने लगता है, विचारों का शोधन होने लगता है, चिड़चिड़ापन कम होता है तथा वह अपने – आपको तरोताजा अनुभव करता है ।

जिनका आज 26 अगस्त को जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। इस दिन जन्मे व्यक्तियों की क्या हैं विशेषताएँ

26 को जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। इस तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 है । यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। आप भौतिकतावादी है। आप अद्भुत शक्तियों के मालिक हैं। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं।

शुभ दिनांक : 8, 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44

शुभ वर्ष :2024, 2042

ईष्टदेव : हनुमान जी, शनि देवता

शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी

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