गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार क्या क्या था खास, जानिए
नई दिल्ली। भारत ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर निकली परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की झलक दिखाई। परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी की मौजूदगी में भारत ने अपनी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया। भव्य परेड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भारत की तीनों सेनाओं, सुरक्षाबलों की टुकड़ियों और स्वदेशी हथियारों के प्रदर्शन ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की झलक दिखाई। राज्यों की झांकियों में भारत की गौरवपूर्ण विविधता नजर आई। परेड का अंतिम आकर्षण वायुसेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट रहा, जिन्होंने राजधानी के आसमान को गुंजा दिया। परेड का समापन राष्ट्रगान और तिरंगे गुब्बारों को उड़ाने के साथ हुआ।
हेलीकॉप्टरों ने दर्शकों पर की पुष्प वर्षा
परेड समारोह की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पहुंचने के बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। पहली बार 21 तोपों की सलामी 105 मिमी. स्वदेशी गन से दी गई, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती है। इसके बाद 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलीकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा की। मुख्य परेड की शुरुआत राष्ट्रपति के सलामी मंच पर पहुंचने के साथ हुई। परेड की कमान लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने संभाली।
मिस्र और भारतीय सेना की टुकड़ी
कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में पहली बार कर्तव्य पथ पर मिस्र के सशस्त्र बलों ने संयुक्त बैंड के साथ मार्च किया। मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व दल में शामिल 144 सैनिकों ने किया। भारतीय सेना की 61 कैवेलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायज़ादा शौर्य बाली ने किया। यह दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी ‘स्टेट हॉर्स यूनिट्स’ हैं। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के एक माउंटेड कॉलम, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन कॉर्प्स के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ने फ्लाई पास्ट के जरिये किया।
स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन
सेना ने स्वदेशी हथियारों में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम, बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, के-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) मुख्य आकर्षण रहे। मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह टुकड़ियां सलामी मंच से होकर गुजरीं और बारी-बारी से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सलामी दी।
भारतीय नौसेना की टुकड़ी और बैंड
भारतीय नौसेना दल में 144 युवा नाविक शामिल हुए, जिसका नेतृत्व कंटिजेंट कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट अश्विनी सिंह, एसएलटी वल्ली मीना एस और एसएलटी एम आदित्य ने किया। मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हुए। नौसेना ने अपनी झांकी में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत समुद्र में नारी शक्ति की तैनाती और नए नौसेना चिह्न और गीत का प्रदर्शन किया। परेड में मार्चिंग दस्ते के साथ 80 संगीतकारों वाला भारतीय नौसेना का विश्व प्रसिद्ध ब्रास बैंड भी रहा, जिसका नेतृत्व एम एंटनी राज ने किया। नौसेना बैंड ने भारतीय नौसेना का नया गीत ‘जय भारती’ बजाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नौसेना की झांकी को ‘इंडियन नेवी-कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ’ थीम पर डिजाइन किया गया।
नौसेना की झांकी में दिखी समुद्र में नारी शक्ति
नौसेना ने अपनी झांकी में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत समुद्र में नारी शक्ति की तैनाती और नए नौसेना चिह्न और गीत का प्रदर्शन किया। झांकी में नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित संपत्तियों को प्रदर्शित किया गया। झांकी के आगे के हिस्से में डोर्नियर विमान के महिला चालक दल को दिखाया गया। झांकी के मुख्य भाग में नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को प्रदर्शित किया गया। समुद्री कमांडो ने ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ नए स्वदेशी नीलगिरी वर्ग के जहाज का एक मॉडल पेश किया। झांकी के किनारों पर स्वदेशी कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के मॉडल दर्शाए गए। झांकी के पिछले भाग में आईडीईएक्स-स्प्रिंट चैलेंज के अंतर्गत स्वदेशी रूप से विकसित की जा रही स्वायत्त मानव रहित प्रणालियों के मॉडल प्रदर्शित किया गया।
भारतीय वायु सेना की टुकड़ी
स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के दल में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भारतीय वायु सेना के गरुड़ दल ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। स्क्वाड्रन लीडर पीएस जैतावत गरुड़ और स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने दल का नेतृत्व किया। भारतीय वायु सेना ने अपनी झांकी में ‘पावर बियॉन्ड बाउंड्रीज’ का प्रदर्शन किया, जिसमें एक घूमते हुए ग्लोब को प्रदर्शित किया गया। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके-II, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट नेत्रा और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी प्रदर्शित किया गया।
फ्लाईपास्ट को दो भागों में बांटा गया
फ्लाईपास्ट में भारतीय वायु सेना के 45 विमान, भारतीय नौसेना से एक और भारतीय सेना से चार हेलीकॉप्टर शामिल किए गए। मिग-29, राफेल, जगुआर, एसयू-30 आदि विमानों ने एरो, एब्रस्ट, एरोहेड, डायमंड और अन्य जैसे कुल 13 फॉर्मेशन में उड़ान भरी। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आकर्षण वायु सेना के फ्लाईपास्ट को दो भागों में बांटा गया। पहले भाग में प्रचंड का गठन किया गया, उसके बाद आसमान में तिरंगा, ध्वज, रुद्र और बाज़ का फ़ॉर्मेशन किया गया। इसके बाद टंगेल फॉर्मेशन, वज्रंग फॉर्मेशन, गरुड़, नेत्रा, भीम, अमृत, त्रिशूल और विजय फॉर्मेशन में विमानों ने उड़ान भरी। फ्लाईपास्ट में कुल 18 हेलीकॉप्टर, 8 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 लड़ाकू विमानों ने आसमान में तरह-तरह के करतब दिखाए।
डेयरडेविल्स टीम में दिखीं महिला अधिकारी
इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में प्रसिद्ध डेयरडेविल्स टीम का नेतृत्व करने के साथ महिला अधिकारी ने मोटरसाइकिल की सवारी भी की। सिग्नल ऑफ सिग्नल कोर से लेफ्टिनेंट डिंपल भाटी भारतीय सेना की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा रहीं। वह एक साल से टीम के साथ ट्रेनिंग कर रही थीं। आर्मी एयर डिफेंस रेजिमेंट यूनिट से लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने परेड में ‘मेड इन इंडिया’ आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि वह हर साल टीवी पर देखने के बाद हमेशा परेड में हिस्सा लेना चाहती थीं और इस साल उनका सपना सच हो गया है।
कर्तव्य पथ पर 23 झांकियों ने दिखाई ऐतिहासिक विरासत
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर 23 झांकियों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादर नगर हवेली और दमन और दीव, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल की झांकियों ने ऐतिहासिक विरासत वाली झलक प्रस्तुत की। इन झांकियों के जरिए परेड के दौरान देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए विभिन्न सफलताओं को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा 6 विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में संस्कृति मंत्रालय, गृह मंत्रालय (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल), गृह मंत्रालय (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो), आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) की झांकियों के जरिये पिछले कुछ वर्षों में किए गए कार्यों व उपलब्धियों को दर्शाया।