Happy Birthday Manoj Kumar: इन 4 फिल्मों ने मनोज कुमार को बना दिया भारत कुमार, 56 बरसों से बने हैं इसके अकेले दावेदार

– प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
मनोज कुमार (Manoj Kumar) हिन्दी सिनेमा के एक ऐसे अभिनेता और फ़िल्मकार रहे हैं जिनका नाम आते ही देश भक्ति की फिल्मों की याद हो आती है। यही कारण है कि मनोज कुमार को बरसों से भारत कुमार (Bharat Kumar) कहा जाता है।
हालांकि मनोज कुमार (Manoj Kumar) से पहले और उनके फिल्मों में आने के बाद, कितने ही फ़िल्मकारों ने देश भक्ति की फिल्में बनायीं। पिछले कुछ बरसों में अजय देवगन (Ajay Devgn) और अक्षय कुमार (Akshay Kumar) जैसे अभिनेताओं ने तो देश भक्ति की कई अच्छी फिल्में कीं। लेकिन अभी तक कोई भी और अभिनेता भारत कुमार नहीं बन सका।
मनोज कुमार (Manoj Kumar) ने पहली बार 1967 में जब खुद अपने लेखन-निर्देशन में फिल्म ‘उपकार’ (Upkar) बनाई तो उसमें उन्होंने अपना नाम भारत रख दिया। लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) के नारे ‘जय जवान, जय किसान’ पर बनी फिल्म ‘उपकार’ ने, बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट होने के साथ 4 फिल्मफेयर पुरस्कार अपनी झोली में समेट इतिहास रच दिया था।
उसके बाद अपनी होम प्रॉडक्शन की फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’(1970), ‘रोटी कपड़ा और मकान’(1974) और “क्रांति’(1981) में भी मनोज कुमार भारत बनकर आए तो इन फिल्मों ने भी खूब धूम मचाई। दिलचस्प यह है कि यही वे 4 फिल्में हैं जिनके बल पर मनोज कुमार (Manoj Kumar) पिछले 56 बरस से भारत कुमार बने हुए हैं।
हालांकि ‘क्रान्ति’ के बाद उनकी बनाई ‘कलयुग और रामायण’, ‘संतोष’ ‘क्लर्क’ और ‘जय हिन्द’ जैसी सभी फिल्में फ्लॉप हो गईं। जबकि ‘क्लर्क’ में तो मनोज का नाम भारत ही था।

आज हमारे यह भारत कुमार (Bharat Kumar) 86 साल के हो गए हैं। उनकी पिछली फिल्म ‘मैदान ए जंग’ 1995 में प्रदर्शित हुई थी। जबकि उनकी पहली फिल्म ‘फैशन’ 1957 में आई थी। अपने करियर के इन 38 बरसों में मनोज कुल करीब 55 फिल्मों में काम कर चुके हैं। जिनमें उनकी पहली सुपर हिट फिल्म ‘हरियाली और रास्ता’ से लेकर ‘वो कौन थी’,‘हिमालय की गोद में’,‘गुमनाम’,‘दो बदन’, ‘पत्थर के सनम’, ‘नील कमल’, ‘आदमी’, ‘यादगार’, ‘पहचान’, ‘संन्यासी’ और ‘दस नंबरी’ तक ऐसी कई सफल फिल्में हैं, जिनके चलते मनोज की गिनती देश के शानदार अभिनेताओं में होती है।
उनकी ‘उपकार’ (Upkar) को जहां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला तो ‘बेईमान’ फिल्म के लिए फिल्मफेयर ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया। यूं भारत सरकार ‘भारत कुमार’ (Bharat Kumar) को 1992 में पदमश्री और 2015 में देश के सर्वोच्च फिल्म सम्मान ‘दादा साहब फाल्के’(Dada Saheb Phalke Award) से भी सम्मानित कर चुकी है।
मनोज कुमार (Manoj Kumar) अब चाहे फिल्मों से दूर हैं। लेकिन उनकी फिल्में और उनकी फिल्मों के गीत आज भी सभी का दिल मोह लेते हैं। उनके अपने बैनर की ही फिल्म ‘शोर’ का एक गीत–‘एक प्यार का नगमा है’ तो देश के 25 सर्वाधिक लोकप्रिय गीतों में शामिल है।

हालांकि मनोज कुमार पिछले कुछ बरसों से अस्वस्थ चल रहे हैं। लेकिन आज भी देश दुनिया पर, आज की फिल्मों पर उनकी पूरी नज़र रहती है। उनसे मिलकर, फोन पर बात करके हमेशा सुखद अनुभूति होती है। उन से जब भी मिलना होता है तो उनकी ढेरों पुरानी यादों से इतने मोती मिलते हैं कि उन्हें सहेजना भी आसान नहीं है। उनके 86 वें जन्मदिन पर अनेक शुभकामनाएँ और बधाई।