धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर चल रहे विवाद में हुई गिरिराज सिंह की एंट्री

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि वे उनके खिलाफ साजिश का हिस्सा हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके घर वापसी कार्यक्रम, जिसमें परिवर्तित हिंदुओं को वापस हिंदू धर्म में लाया जाता है, ने कुछ लोगों को नाराज किया है। बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री को लेकर चल रहे विवाद में अब केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा कि भारत के सनातन धर्म के महापुरुषों में ऐसी सामर्थ्य होती है। इसलिए बिना जाने आरोप लगाना गलत है। गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत के मनीषियों में सनातन परंपरा है। उसमें कई महानुभाव महापुरुष हुए हैं। जो इस तरह के चम्तकार करने का सामर्थ्य रखते हैं। किसी के सामर्थ्य को अंधविश्वास कहना सही नहीं है। इससे पहले बागेश्वर धाम सरकार पर उठे सवालों पर विजवर्गीय ने कहा कि उन्हें अपने इष्ट पर विश्वास है और वे लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म के प्रति लोगों की अनास्था है, जिसके कारण इस तरह के प्रश्न उठा रहे हैं।

5 जनवरी से 11 जनवरी तक बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र ने रामकथा के लिए नागपुर की यात्रा की थी. यह कथा मूल रूप से 13 जनवरी तक चलने वाली थी। लेकिन किन्हीं कारणों से कथा दो दिन पहले ही समाप्त हो गई। इस कथा के समाप्त होने के बाद, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर ‘अंधविश्वास’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कथित तौर पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती दी थी। श्याम मानव ने दरबार के दौरान चमत्कार दिखाने के लिए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर 30 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। बाद में उन्होंने शास्त्री के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी।

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