जनकल्याणकारी योजनाओं से पात्र व्यक्ति को लाभान्वित कराएं

झांसी । मंत्री, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, उत्तर प्रदेश शासन बेबी रानी मौर्य की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए क्या समस्त अधिकारी अपने विभाग में संचालित सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को दिलाएं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी वित्तीय वर्ष 2022-23 पूर्ण होने से पूर्व अपने-अपने विभागों से संबंधित लक्ष्य निर्धारित समय अवधि के भीतर पूर्ण करें। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत जनपद झांसी में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप जो भी कार्य शेष रह गए हैं उन्हें शीघ्रता के साथ पूर्ण किया जाए।

बैठक में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान बताया कि जनपद में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 75 प्रतिशत गोल्डन कार्ड पात्र लाभार्थियों के बनाए जा चुके हैं इसके साथ ही लंबित आवेदनों का निस्तारण ग्रामीण स्तर पर अभियान चलाकर पूर्ण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि सहभागिता योजना में जनपद में 4200 गौवंश गोपालकों को वितरित किए गए हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत जनपद में परिषदीय विद्यालय के बच्चों के आधार सीडिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। जनपद में 7000 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। साथ ही जनपद के ग्राम भोजला में स्थापित पोषाहार उत्पादन प्लांट स्थापित है जिसका संचालन समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत जनपद के 02 लाख 04 हजार किसानों को इस वित्तीय वर्ष में लाभान्वित किया गया है इसके साथ ही फसल बीमा योजना में खरीफ की फसल के अंतर्गत 3332 किसानों को लाभ प्रदान किया गया है। दैवीय आपदा के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का सत्यापन कराकर पात्र लाभार्थियों को उक्त योजना से लाभान्वित किया गया है। जनपद में पत्थर के 102 पट्टे एवं बालू के 21 पट्टे किए गए हैं। झांसी नगर निगम में स्मार्ट सिटी के तहत लक्षित 56 प्रोजेक्ट में से 35 प्रोजेक्ट पर कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष 21 प्रोजेक्ट पर कार्य प्रगति पर है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जनपद में 10 परियोजनाएं लक्षित है, जिनके माध्यम से 648 ग्रामों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति से आच्छादित किया जाना है

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