दिल्ली को कल मिलेगा नया मेयर?

नयी दिल्ली। नगर निगम (एमसीडी) सदन की बैठक सोमवार को बुलाई गई है। इससे पहले महापौर चुनने की दो कोशिश नाकाम हो चुकी हैं। दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम 1957 के तहत महापौर और उप महापौर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए। हालांकि नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया महापौर नहीं मिला है।

इससे पहले एमसीडी सदन की बैठक छह जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दी। पिछले साल चार दिसंबर को संपन्न चुनाव के बाद 250 सदस्यीय निकाय सदन का पहला सत्र पूरी तरह से बेकार चला गया जबकि दूसरे सत्र में नामांकित सदस्यों के शपथ लेने के बाद निर्वाचित पार्षदों ने शपथ ली।

शपथ लेने की कार्यवाही पूरी होने के बाद सदन के दूसरे सत्र को पीठासीन अधिकारी और भाजपा पार्षद सत्या शर्मा ने अगली तारीख के लिए स्थगित कर दिया। भाजपा सदस्यों ने चेम्बर के बाहर आप विरोधी और (दिल्ली के मुख्यमंत्री)अरविंद केजरीवाल विरोधी नारेबाजी की जबकि आप सदस्यों ने सदन में करीब पांच घंटे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। निकाय सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राज्य सभा सदस्य संजय सिंह सहित आप नेताओं ने दावा किया कि महापौर का चुनाव नहीं होने दिया जा रहा है और भाजपा‘‘लोकतंत्र का गला घोंटकर खतरनाक परंपरा शुरू कर रही है।’’

एमसीडी चुनाव में आप 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं। छह फरवरी को बुलाई गई सदन की बैठक में भाजपा ने महापौर पद के लिए रेखा गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं आप की ओर से शैली ओबरॉय महापौर पद की दौड़ में शामिल हैं।

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