गंगासागर में पुण्य स्नान का सिलसिला जारी
गंगासागर । मकर संक्रांति के पावन अवसर पर रविवार तड़के से ही गंगासागर तट पर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। देश के विभिन्न हिस्सों से मोक्ष की आशा में आये लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं ने गंगासागर में पवित्र डुबकी लगाई। ऐसे में गंगासागर एक मिनी भारत बन गया है। देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं और साधु-संतों ने गंगा सागर तट पर मोक्ष मिलने की आशा में डुबकी लगाई और कपिल मुनि मंदिर में पूजा अर्चना की।
मकर संक्रांति शाही स्नान का योग शनिवार सुबह 6.53 बजे से शुरू हुई जो रविवार शाम 6.53 बजे तक रहेगा। मकर संक्रांति पर गंगासागर तट पर पैर रखने की जगह नहीं है। भीड़ के मद्देनजर मेला सुचारू रूप से संपन्न हो इसके लिए प्रशासन हर तरह के उपाय कर रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेले के आयोजन की जिम्मेदारी कई मंत्रियों को दी है। कुछ दिन पहले वे खुद तैयारियों का जायजा लेने गईं थी।
इस साल पहली बार मध्यप्रदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री गंगासागर आये हैं। एक तीर्थयात्रियों ने कहा कि मैं चारधाम दर्शन करके यहां आया हूं। हमें आज पूजा पूरी करने के बाद बाहर जाना है, लेकिन यहां उमरी भीड़ के को देखते हुए मुझे नहीं पता कि मैं कब तक गंगासागर से निकल पाऊंगा। भीड़ को संभालने के लिए गंगासागर में पुलिस और स्वयंसेवी संस्था के कार्यकर्ता सक्रिय हैं। तटरक्षक बल भी संभावित खतरे से निपटने के लिए सक्रिय है। जलमार्ग में स्पीड बोट और वाटरक्राफ्ट की लगातार निगरानी की जा रही है। हर साल की तरह मेले के अंत तक निगरानी जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि गंगासागर मेले को लेकर शनिवार दोपहर जिला प्रशासन की प्रेस कांफ्रेंस में पुलक राय, अरूप विश्वास, सुजीत बोस, इंद्रनील सेन जैसे राज्य के मंत्री मौजूद थे। जिला प्रशासन के मुताबिक इस साल 40 लाख तीर्थयात्री गंगासागर में आए हैं। राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने दावा किया है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि महामारी के दौर के बाद गंगासागर देश का मिलन स्थल है।