‘गुरू गुड़ रह गए और चेला चीनी हो गया’, अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल जाने पर बोले सुधांशु त्रिवेदी

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी और राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने सोमवार को केन्द्रीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए न्यायालय में सभी तर्क विफल हो जाने के बावजूद जेल में रहकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सीएम पद से इस्तीफा नहीं देने पर निशाना साधा। 

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि रविवार को ही भ्रष्टाचार के आरोपी और राजनैतिक पार्टियों ने गंभीर आरोपों में घिरे हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में इकट्ठे हुए थे। इन नेताओं ने भावनात्मक आधारों का प्रयोग करने का प्रयास किया, परन्तु आज न्यायालय ने तथ्यात्मक आधार पर अरविंद केजरीवाल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत पर भेजा है। न्यायालय के समक्ष जो तथ्य पेश हुए हैं वे न्यायालय के अलावा किसी को नहीं पता। पूरा विपक्ष जिस अरविंद केजरीवाल को बचाने के प्रयास कर रहा था, न्यायालय की नजर में वो तथ्यात्मक आधार पर गंभीर आरोपी है। निरंतर निरर्थक और अनर्गल बयानबाजी कर रहे विपक्ष को इन तथ्यों पर विचार करना चाहिए। 

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली के ‘रामलीला’ मैदान में अरविंद केजरीवाल के गुरू अन्ना हजारे ने ‘इंडिया एगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन करते हुए कहा था कि वे कभी राजनीति में नहीं आएंगे लेकिन उनके चेले राजनीति में आए भी और मुख्यमंत्री भी बन गए। इसीलिए कहा जाता है- ‘गुरू गुड़ रह गए और चेला चीनी हो गया।’ परन्तु रविवार की रैली में उनके गुरू लालू प्रसाद यादव हो गए और अरविंद केजरीवाल उनसे भी एक कदम आगे बढ़ते दिख रहे हैं। लालू प्रसाद यादव ने गिरफ्तार होने से पहले इस्तीफा दे दिया था, लेकिन केजरीवाल ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है। केजरीवाल ने अपने गुरू की शिक्षा को गुड़ गोबर करने का काम आम आदमी पार्टी के चाल, चिंतन, चेहरा और चरित्र में करके दिखा दिया है। आम आदमी पार्टी का चरित्र लोगों को पहले ही समझ आ गया था, चाल पहले से ही गड़बड़ नजर आ रही और अब चेहरा भी बिल्कुल साफ हो गया है। 

राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुख्य आरोपी विजय नायर दिल्ली सरकार के  कैबिनेट मंत्री आतिशी मर्लेना और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। अब तो यह समझना मुश्किल हो रहा है कि इस घोटाले में कौन-कौन आरोपी है। इनके ऊपर ये कहावत एक दम सटीक बैठती है कि ‘एक हो तो समझाइए जाके, कूप ही में भांग पड़ी है’, अर्थात एक व्यक्ति नशे के पथ पर हो तो उसे समझाया जा सकता है पर यहां तो कुएं में ही भांग पड़ी है। अरविंद केजरीवाल इन्हीं रहस्यों को छिपाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने आने से बच रहे थे। दिल्ली के आम आदमी पार्टी सरकार की शराब घोटाले में सलिंप्ताता अब स्पष्ट होते जा रही है। आज न्यायालय के निर्णय के बाद देखना होगा कि अब अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देते हैं या किसी अन्य गुरू के नक्शेकदम पर चलते हुए कोई नई राजनीति का स्वयंभू किरदार रचते हैं। 

शाजिया इल्मी ने दिल्ली मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ तो ऐसा है जो आम आदमी पार्टी के नेता छिपा रहे हैं। कोर्ट और ईडी भी मानते हैं कि भ्रष्टाचार को छिपाया जा रहा है और अरविंद केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल ने 16 अगस्त 2011 को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने स्वास्थ्य की चिंता किये बिना 11 दिन का अनशन किया था और कहा करते थे- ‘बाहर निकलो मकानों से, जंग लड़ो बेईमानों से, पहले लड़े थे गोरों से और लड़ेंगे चोरों से।’ केजरीवाल ने पार्टी के सभी सदस्यों के साथ विश्वासघात किया, इस धोखे की शुरुआत उन्होनें अन्ना हजारे से की थी, बाद में पार्टी के अन्य नेताओं जैसे योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और मयंक गांधी सभी एक-एक करते पार्टी छोड़ते गए। वही लोग अरविंद केजरीवाल जिन्हें चोर कहते थे, रविवार को इंडी गठबंधन की रैली में वही लोग उनके बचाव में उतार आए। आम आदमी पार्टी के लोकपाल एडमिरल रामदास को भी बड़े असम्मानजनक तरीके से पार्टी से निकाल दिया गया।  

भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने बताया कि सुनीता केजरीवाल अपने बयान में कहा था कि ऐसे कुछ खुलासे हैं जो अरविंद केजरीवाल कोर्ट के सामने पेश करेंगे, लेकिन अगर इतने ठोस सबूत थे तो पार्टी के अन्य नेता जैसे मनीष सिसोदिया और संजय सिंह, जो लंबे समय से जेल में हैं, उनके लिए ये सबूत क्यों पेश नहीं किये गए। रिमांड कॉपी में हुए कुछ नए खुलासों से पता चला है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में कहा कि आप पार्टी की नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज, मीडिया सलाहकार विजय नायर को सभी आंतरिक जानकारी प्रदान करते थे। यह स्पष्ट है कि केजरीवाल ने पहले पुराने साथियों के साथ धोखा किया, अब नए साथियों के साथ भी विश्वासघात किया जा रहा है। 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि आज लूट, झूठ, शूट और स्कूट को एक बार फिर से करारा जवाब मिला है। इसी रामलीला मैदान में प्रत्यक्ष देखा गया है इतनी छोटी अवधि में अगर किसी का सियासी धर्मांतरण हुआ है तो वो स्वराज से शराब तक, अन्ना से लालू तक, झाड़ू से दारू तक और इस्तीफा मांगने वालों से इस्तीफा नहीं देने वालों तक आम आदमी पार्टी का हुआ है। अब अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि ये ही केजरीवाल सिर्फ मौलिक आधार मात्र पर ही घोटाले का आरोप लगने पर इस्तीफे देने की बात करते थे और इन्होंने राहुल गांधी, अखिलेश यादव सहित तमाम विपक्षी नेताओं का इस्तीफा मांगा था और आज उन्हीं नेताओं के साथ खड़े होकर इस्तीफा नही देने की बात कह रहे हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन और भ्रष्टाचार हटाओ से शुरू करने वाले लोग आज ‘जस्टिफिकेशन ऑफ करप्शन’ पर और भ्रष्टाचार बचाओ पर आ गए हैं। 

शहजाद पूनावाला ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा रखे गए सभी तर्क न्यायालय ने सुने हैं और इसके बावजूद इन्हें राहत नहीं मिल रही है। अब प्रश्न ये उठता है कि क्या अब न्यायालय भी द्वेषपूर्ण राजनीति कर रहा है? ये लोग कहते हैं मनी ट्रेल नहीं हुआ लेकिन स्वयं उच्चतम न्यायालय ₹338 करोड़ और सीबीआई न्यायालय ने ₹100 करोड़ के मनीट्रेल की बात कही है और तो और स्वयं इनके वकील ने ऑन रिकॉर्ड मनी ट्रेल के पैसे गोवा चुनाव में खर्च हो जाने की बात कही है। अब ये 3G घोटाला हो गया है – पहला G यानि शराब घोटाला, दूसरा G यानि जेल से घोटालेबाजी वाले आदेश से सरकार चलाना और तीसरे G का अर्थ है कि अब वो घोटालेबाजों की सहायता लेकर अपने घोटालों पर पर्दा डालना चाहते हैं।

भाजपा नेता शहजाद ने आम आदमी पार्टी से कुछ प्रश्न किए जो कि इस प्रकार थे कि अगर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए जेल से सरकार चला सकते थे तो मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन से मंत्री पद क्यों छीन लिया गया? क्या अपने आप को किसी भी कीमत पर बचाने के लिए दूसरे नेताओं के नाम लिए जा रहे हैं? शराब घोटाले के मूल प्रश्नों पर आम आदमी पार्टी के मंत्री कब उत्तर देंगे?, अगर नई शराब नीति में कुछ गलत नहीं था तो उसे वापस क्यों लिया गया? आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता पाठशाला, भोजनशाला नहीं सिर्फ मधुशाला रही है। ड्रग कारोबारी पाब्लो एस्कोबार जेल के अंदर से नशे का व्यापार चलाता था और दिल्ली में एक पाब्लो एस्कोबार (अरविंद केजरीवाल) है,  जो जेल के भीतर से सरकार चलाने की बात कर रहा है।

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