Bhabi Ji Ghar Par Hai: महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर जाएँगे भाभी जी और विभूति
- प्रदीप सरदाना
वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक
पिछले कुछ बरसों से देश में बढ़ती आध्यात्मिक-धार्मिक संस्कृति का प्रभाव अब हमारे सीरियल में भी खूब दिखने लगा है। जिसके रंग अब सीरियल ‘भाबीजी घर पर हैं’ (Bhabi Ji Ghar Par Hai) में भी देखने को मिलेंगे। एंड टीवी (&tv) का यह हास्य धारावाहिक अब अपने प्रसारण के 9 बरस पूरे कर रहा है।
देखा जाये तो ‘भाबीजी घर पर हैं’ (Bhabi Ji Ghar Par Hai) एंड टीवी (And Tv) का ब्रांड शो है, जो लगातार लोकप्रिय रहा है। मुख्य पात्रों में शुभांगी अत्रे (Shubhangi Atre), रोहिताश्व गौड़ (Rohitashv Gour), आसिफ शेख (Aasif Sheikh) तो अपने अभिनय के खूबसूरत रंग लंबे समय से दिखा ही रहे हैं। इधर अब अनीता भाभी की भूमिका में विदिशा श्रीवास्तव (Vidisha Srivastava) भी जमने लगी हैं।
यूं यह सीरियल एक ‘एडल्ट कॉमेडी’ है। लेकिन अब 8 मार्च को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के मौके पर इसमें विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) के दर्शन के साथ काशी के धार्मिक रंग भी देखे जा सकेंगे।
‘भाबीजी घर पर हैं’ (Bhabi Ji Ghar Par Hai) की कहानी में विभूति (Vibhuti) और अनीता (Anita) विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) के दर्शन के लिए काशी जाएँगे। अपनी इस बनारस यात्रा को लेकर आसिफ (Aasif Sheikh) और विदिशा (Vidisha Srivastava) दोनों उत्साहित हैं। हालांकि विदिशा (Vidisha Srivastava) का तो जन्म ही बनारस में हुआ है। वह एंड टीवी (&tv) के एक सीरियल ‘क़हत हनुमान जय श्रीराम’ (Kahat Hanuman Jai Shree Ram) में देवी पार्वती की भी भूमिका कर चुकी है।
विदिशा (Vidisha Srivastava) कहती है-‘’मैं चाहे बनारस (Banaras) में पली बढ़ी हूँ। लेकिन हर बार बनारस जाना मुझे लुभाता है। काशी (Kashi) मुझे अपनी आध्यात्मिक नगरी लगती है। जब भी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) में पूजा के लिए गई हूँ प्रसन्नता के साथ आत्मिक शांति मिली है। मैं पिछले बरस भी महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर यहाँ पूजा के लिए गयी थी। इस बार मैं वहाँ अपने सीरियल की सफलता के लिए भी भोलेनाथ का आभार प्रकट करूंगी।‘’
उधर आसिफ (Aasif Sheikh) का कहना है-‘’वाराणसी (Varanasi) मेरे दादा–परदादाओं का शहर रहा है। इसलिए मेरा इस शहर के प्रति विशेष आकर्षण है। जब भी बनारस गया हूँ चमत्कृत हुआ हूँ। लोग भगवान शिव की पूजा करने के लिए उमड़ पड़ते हैं। पूरा बनारस उत्सव के रंगों में रंग जाता है।‘’