Dheeraj Kumar: 78 बरस के हुए अभिनेता-निर्माता धीरज कुमार, आज भी जीते हैं नौजवान की तरह, कई सुपर हिट फिल्मों में काम करने के बाद बने टीवी का राजा

  • प्रदीप सरदाना 

वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म समीक्षक 

जाने माने अभिनेता और सीरियल निर्माता धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) ने गत 27 सितंबर को मुंबई में अपना 78 वां जन्म दिन मनाया तो वह युवाओं की तरह अपने ही गाने पर झूमते हुए नाच उठे। धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) ने 1970 में फिल्म ‘रातों का राजा’ के नायक के रूप में फिल्मों में कदम रखा था।

जन्म दिन वाले दिन जैसे ही धीरज (Dheeraj Kumar) अपने अंधेरी स्थित ऑफिस में पहुंचे तो उनके फूलों से सजे ऑफिस में उनकी फिल्म का उन्हीं पर फिल्माया गया सुपर हिट गीत बज उठा ‘’मेरे लिए आती है शाम, चंदा भी है मेरा गुलाम, धरती से सितारों तक है मेरा इंतजाम, रातों का राजा हूँ मैं। इस उम्र में धीरज (Dheeraj Kumar) जिस जोश से नाच रहे थे, उसे देख अहसास तक नहीं हुआ कि धीरज (Dheeraj Kumar) 78 के हो गए हैं।

धीरज (Dheeraj Kumar) मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं। जब 1986 में दूरदर्शन (Doordarshan) के लिए उन्होंने कालजयी धारावाहिक ‘कहाँ गए वो लोग’ का निर्माण किया तब से उनसे मेरी दोस्ती और भी मजबूत हो गयी। धीरज (Dheeraj Kumar) सीरियल निर्माण में उतरने से पहले बहारों फूल बरसाओ, हीरा पन्ना, रोटी कपड़ा और मकान, शराफत छोड़ दी मैंने, उधार का सिंदूर, रंगा खुश, क्रांति, फौजी और सरगम जैसी कई प्रसिद्द फिल्मों में काम कर चुके थे। फिल्म ‘स्वामी’ में उन पर शबाना आज़मी के साथ फिल्माया गीत –का करूँ सजनी आए ना बालम’ तो आज भी नहीं भूलता।

लेकिन बाद में धीरज (Dheeraj Kumar) फिल्मों की जगह टेलीविज़न का राजा बन गए। संसार, अदालत, ओम नमः शिवाय, श्री गणेश, गणेश महिमा, मायका, घर की लक्ष्मी बेटियाँ, ये प्यार ना होगा कम और इश्क सुभान अल्लाह जैसे उनके सीरियल दर्शकों में अच्छे खासे लोकप्रिय हुए। धीरज (Dheeraj Kumar) को मैंने उनके जन्म दिन की बधाई देते हुए पूछा उम्र के इस पड़ाव पर पहुँच कैसा लग रहा है? धीरज (Dheeraj Kumar) का जवाब था -78 बरस नहीं 18 बरस का युवा।‘’

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